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जातिगत जनगणना में जाति के कालम में वैश्य शब्द लिखकर अपनी संख्या सामने लाने की जरुरत: सुधीर एस हलवासिया

कहा – राजनैतिक रुप से पिछड़ेपन को भरने का समय अब आने वाला है

फोटो सहित (१,२)

मिर्ज़ापुर। अखिल भारतीय वैश्य महासम्मलेन की बैठक धुंधी कटरा स्थित सुमंगलम पैलेस में संपन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष सुधीर एस हलवासिया ने कहा कि वैश्य समाज भारतीय अर्थवयवस्था की रीढ़ है। देश के आर्थिक संरचना के साथ साथ धार्मिक व सांस्कृतिक व्यवस्था का सजग प्रहरी भी है। राजनैतिक रुप से पिछड़ेपन को भरने का समय अब आने वाला है। देश में होने जा रही जातिगत जनगणना में हमें अपने जाति के कालम में वैश्य शब्द लिख कर अपनी संख्या को सामने लाने की जरुरत है। वैश्य समाज सहनशील व मेहनती समाज है, जो अपने मेहनत के दम पर फर्श से अर्श तक का सफर तय करता है। अपने व्यापार को ऊंचाइयों तक ले जाने के सफर में हज़ारों लाखों लोगों को रोजगार भी यही समाज देता है।

प्रदेश महामंत्री शैलेन्द्र अग्रहरि ने कहाकि देश की कोई उच्चस्तरीय परीक्षा हो उसमे शामिल टॉप रैन्कर्स की सूची में वैश्य समाज के अधिकतम होनहार शामिल रहते हैँ।इंजीनीयर, डॉक्टर, सिविल सर्विसेज, जुडिशियल एजुकेशन हो या वकालत सभी क्षेत्रों में हमारे समाज का उच्च स्थान है। राजनीति में आये पिछड़ेपान को खत्म करने के लिए हमें सड़कों तक संघर्ष करना होगा।

नपाध्यक्ष श्याम सुन्दर केशरी ने कहा कि वैश्य समाज संघर्षो की मिशाल है, किसी भी वर्ग के लिए सबसे सहज रुप से सामाजिक सेवा में योगदान हमारे समाज का ही है। उत्तर प्रदेश को समृद्धशाली बनाने में चाहे वैश्य समाज के नेता हो या अधिकारी सबका योगदान अहम है। आज डीजीपी के रुप में पुलिस मुखिया राजीव कृष्ण मित्तल को जिम्मेदारी मिली है।

विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कनौजिया ने कहा कि वैश्य समाज ने देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया में चौथे पायदान पर ले जाने में अहम योगदान दिया है। जापान जैसा देश हमसे पिछड़ गया है। यह गौरव उद्यमशील और मेहनती वैश्य समाज के बल पर ही संभव हुआ है।

इस दौरान जिलाध्यक्ष तारा चंद अग्रहरि, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष गोयल, जिला महामंत्री शिव गोबिंद चौरसिया, नगर अध्यक्ष नयन जायसवाल, अशोक केशरवानी, अजय सेठ, अशुकांत चुनाहे, जनार्दन रस्तोगी, अनुज उमर, अतिन गुप्ता, मुकेश साहू, राजकुमार सेठ, डॉ शक्ति श्रीवास्तव, गुल्लु जैन, ओम प्रकाश गुप्ता, डॉ जे. के. जायसवाल, लाल बहादुर अग्रहरि, श्याम बाबू केशरवानी, शिव मुंदड़ा, शैलेन्द्र रस्तोगी, संजय चौरसिया, पारस नाथ अग्रहरि, राहुल बरनवाल, गिरीश बरनवाल, केदार नाथ जायसवाल, बसंत लाल, रामचंद्र केशरवानी, मुन्नू लाल गुप्ता, बृजेश उमर, अलंकार जायसवाल, आनन्द अग्रवाल, उमा बरनवाल, शिखा अग्रवाल, गुंजा गुप्ता, उमा जायसवाल, रेखा गुप्ता, किरन जायसवाल, राम कुमार गुप्ता, रवि गुप्ता, मनोज साहू, सुरेश केशरी, रामबाबू केशरवानी, मुकेश अग्रहरि, महेश केशरी, अंकुर श्रीवास्तव, संतोष जायसवाल आदि वैश्य जन उपस्थित रहे।

 

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