आरोप-प्रत्यारोप

संतुष्टी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज पहुची लखनऊ की जांच टीम, छात्रो ने फिस-डोनेशन वापसी और एनओसी सहित अन्यत्र स्थानांतरण की रखी मांग

रंग लाई संतुष्टी मेडिकल कालेज के आन्दोलनरत छात्रो की सीएम योगी से मुलाकात 
0 लखनऊ से पहुँची तीन सदस्यीय जांच टीम के सामने एनओसी, फिस-डोनेशन वापसी और एनओसी सहित अन्यत्र स्थानांतरण की रखी मांग 
0 मागों को लेकर अड़े रहे बच्चे, जाच टीम व एसडीएम ने    बच्चो को समझाने कोशिश की,  पर बच्चे जिद पर अड़े रहे 
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर(पडरी।
संतुष्टी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के आन्दोलनरत छात्र छात्राओ म की सीएम योगी से मुलाकात रंग लाई। मंगलवार को लखनऊ से पहुँची तीन सदस्यीय जांच टीम के सामने एनओसी, फिस-डोनेशन वापसी और एनओसी सहित अन्यत्र स्थानांतरण की मांग रखते हुए आन्दोलनरत छात्रो ने कार्रवाई की मांग की। लेकिन कालेज प्रशासन के यह बताने पर कि यह संभव ही नही है पर भी मागों को लेकर बच्चे अड़े रहे। जाच टीम व एसडीएम ने बच्चो को समझाने कोशिश की,  पर बच्चे जिद पर अड़े रहे। फिलहाल देर शाम तक समझाने बुझाने का प्रयास चलता रहा।
बताते चले कि बीते साल के 29 दिसंबर को सन्तुष्टि हास्पिटल के बीएएमएस की पढाई कर रहे बच्चे अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे और जनता दरबार मे कालेज प्रशासन के मनमाना फिसल वसूली की शिकायत की थी। जिस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजकीय आयुर्वेदिक कालेज लखनऊ की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी। मंगलवार को तीन सदस्यीय टीम मिर्ज़ापुर के डीएम बिमल कुमार दूबे द्वारा भेजे गए एसडीएम सदर अरविंद चौहान के साथ मौके पर पहुंची और जांच प्रक्रिया मे जुट गई।  जिसके तहत जांच टीम मंगलवार को कॉलेज पर पहुँचकर छात्र छात्राओ से मिली। जहा अनशनरत छात्रो ने अपनी समस्याओ को अवगत कराया और मैनेजमेंट द्वारा भी अपनी बात जाँच टीम के सामने रखी गई।
लखनऊ से आई जांच टीम में राजकीय आयुर्वेदिक कालेज लखनऊ के तीन सदस्यीय टीम में डॉ0 हेमन्त कुमार राय, डा0 अशोक कुमार श्रीवास्तव, डा0 कमल सचदेव के सामने बच्चो ने कॉलेज प्रसासन पर योग्य टीचर के न होने, शासन द्वारा मिल रहे छात्रवृत्ति फिश न मिलने, हॉस्टल का 6 हजार फिस प्रति माह लेने के वावजूद भी कोई ब्यवस्था न देने के साथ साथ बच्चो का मानसिक रूप से शोषण किये जाने, हर बच्चो से डोनेशन के नाम पर नगद पैसा लेने और उसका रसीद न देने आदि का आरोप मढते हुए छात्र छात्राओ ने जांच दल के सामने उसे साबित करने का प्रयास किया। जांच दल से मांग किया कि शिक्षा के नाम पर यहां का ब्यापारीकरण बन्द होना चाहिए। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री दरबार से लौटने के बाद 31 तारीख से लेकर आज तक बच्चो को कैम्पस के अंदर नही दिए जाने जा रहा है तथा झूठे आरोपो में फंसाने की धमकी देकर परेशान व शोषित किया जा रहा है।  कालेज के फिस डोनेशन, परीक्षा फिस आदि के नाम पर सात लाख रुपया लिया जाता है और रसीद भी नही दिया जाता है। जिस पर जांच टीम ने मैनेजमेंट डायरेक्टर डॉ0 ऋतु गर्ग से बातचीत की। इस पर बच्चो के अभिभावकों से मैनेजमेंट टीम ने कहा कि इसको बैठकर समझ लिया जाए।  जबकि छात्र छात्राओ का कहना रहा कि इस कॉलेज में पढने पर यहा का मैनेजमेंट हम सब को आये दिन परेशान किया जाएगा और जो मुख्यमंत्री के यह शिकायत की गई थी। उसको लेकर सादे काजग परहस्ताक्षर कराने हेतु लगातार धमकियां दी जा रही है। इसलिए हम लोगो का फिस व डोनेशन वापस किया जाए।  साथ ही साथ एनओसी दिया जाए और हैम लोगो को अन्यत्र ट्रांसफर कराया जाए। क्योंकि यहाकि परिस्थितियां हम लोगो के अनुकूल नही है।  जबकि यहा के मैनेजमेंट व बच्चो के वार्तापाल के दौरान काफी सोरसराबा भी हुआ।  डॉ संजय गर्ग द्वारा जांच दल को बताया गया कि छात्र छात्राओ द्वारा जान मारने की धमकी, फिश न देना,  नेतागिरी करना आदि का आरोप लगाया गया। उनका कहना था कि फिस वापसी व ट्रांसफर मेरे बस की बात नही है। देर शाम तक बच्चो की दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, मैनेजमेंट व लखनऊ से आई जांच टीम के साथ एसडीएम अरविंद कुमार चौहान से वार्ता होती रही।
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