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मिर्जापुर

स्वस्थ शरीर के साथ आत्मरक्षा का संबल प्रदान करती है कुश्ती

स्वस्थ शरीर के साथ आत्मरक्षा का संबल प्रदान करती है कुश्ती

स्वस्थ शरीर के साथ आत्मरक्षा का संबल प्रदान करती है कुश्ती: विनीत सिंह

विशाल ग्रामीण सेवा समिति भरूहना के तत्वावधान मे जसोवर मैदान मे लाखो के दाव लगे
 हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश समेत यूपी के कई जिले के पहलवानो ने की जोर आजमाइश |
 मिर्जापुर।  पूर्व विधानपरिषद सदस्य श्यामनारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह ने कहा कि ‘कुश्ती’ एक प्रकार का द्वंद्वयुद्ध है, जो बिना किसी शस्र की सहायता के केवल शारीरिक बल के सहारे लड़ा जाता है। प्राचीन परंपराओ के निर्वहन तक सीमित शहरो और गांवो मे बने अखाडो को व्यवस्थित करने के साथ ही इस प्रतिस्पर्धात्मक खेल को महत्व देने की जरूरत है। कुश्ती पहलवानो के देश भारत का प्राचीन खेल प्रतिस्पर्धा है, जिससे न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि आत्मरक्षा को संबल प्रदान करती है।
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पूर्व एमएलसी श्री सिंह शुक्रवार को विशाल सेवा समिति भरूहना के तत्वावधान मे सिटी ब्लाक के जसोदा पहाडी स्थित मैदान मे आयोजित विराट दंगल को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते रहे थे। उन्होंने आयोजक मंडल को धन्यवाद दिया कि विशाल ग्रामीण सेवा समिति द्वारा परंपरागत खेलो को बढावा देने के लिए ऐसे आयोजन किये जा रहे है। साथ ही दंगल स्थल जहा विगत 42 साल से मेला लगता है इसके बाद भी पहुचने के लिए सड़क तक नही बन सकी है।
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जिसे देखते हुए पूर्व एमएलसी श्री सिंह ने जिला पंचायत से उक्त सड़क बनवाने का ग्रामीणो को आश्वासन दिया। वरिष्ठ समाजसेवी एवं बसपा नेता मो0 परवेज खान ने कहाकि कुश्ती का आरंभ संभवत: उस युग में हुआ, जब मनुष्य ने शस्त्रों का उपयोग नहीं जाना था। उस समय इस प्रकार के युद्ध में पशु बल ही प्रधान था।
पशु बल पर विजय पाने के लिए मनुष्य ने विविध प्रकार के दाँव पेंचों का प्रयोग सीखा होगा और उससे मल्ल युद्ध अथवा कुश्ती का विकास हुआ होगा। इस खेल अथवा व्यायाम से शरीर के सभी स्नायु एवं इंद्रियाँ सबल और कार्यक्षम होती हैं। इस खेल की कला से परिचित व्यक्ति कम शक्ति वाला होकर भी अधिक शक्तिशाली व्यक्ति पर विजय प्राप्त कर सकता है।
कुश्ती से न केवल शरीर बनता है, वरन मानसिक विकास भी होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। धैर्य, अनुभवशीलता, चपलता आदि अनेक बातें पैदा होती हैं। कार्यक्रम संयोजक एवं जिला पंचायत सदस्य भगवानदास सोनकर ने बताया कि विगत 42 वर्षो से कुश्ती का आयोजन प्रत्येक वर्ष तीज के उपलक्ष्य मे दूसरे दिन किया जाता है। जिसमे कई प्रदेशो के पहलवान शिरकत करते आ रहे है। बताया कि सबसे बडी कुश्ती
इस अवसर पर आगत अतिथियो के प्रति संस्था अध्यक्ष विजय सोनकर ने धन्यवाद व आभार  व्यक्त किया।
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