अभिव्यक्ति

पुलिस लाईन मनोरंजन कक्ष में आयोजित कार्यशाला में जनपद में गिरते हुये लिंगानुपात पर किया गया विचार


0 बाल संरक्षण, ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने व बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ पर दिया गया जोर
 ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
        गुरुवार को पुलिस लाईन स्थित मनोरंजन कक्ष में श्री आशीष तिवारी पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में जनपद के चाइल्ड लाईन, बाल संरक्षण, महिला संरक्षण अधिकारियों, एन0जी0ओ0 सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के सम्बन्ध में 01 दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर जनपद में गिरते लिंगानुपात, बन्धुआ मजदूरी, बाल श्रम, घरेलू हिंसा, महिला अपराध को कम करने पर विचार किया गया। कार्यशाला में जनपद में पुरूषों के अनुपात में महिलाओं की कम संख्या को बढ़ाये जाने के बारे में समस्त अधिकारीगण से चर्चा की गयी व इसके कारणों का पता लगाते हुये इस समस्या को दूर करने के उपायों पर विचार किया गया। उक्त कार्यशाला के दौरान पुलिस अधीक्षक  ने अपने विचार प्रकट करते हुये कहा कि बेटियाँ समाज की सूत्रधार हैं तथा उनके शिक्षित होने पर समाज शिक्षित हो जाता है। यदि 01 बेटी शिक्षित होती है तो वह कम से कम 02 परिवारों को शिक्षित करती ही है। उन्होंने भ्रूण हत्या को समाज का कलंक बताया तथा इसे गैर कानूनी अपराध बताते हुये कहा कि बेटे तो नौकरी पाने के बाद अपने परिवार को उसके हाल पर छोड़ कर चले जाते हैं लेकिन बेटियाँ प्रत्येक स्थिति/परिस्थिति में अपने माँ-बाप या परिवार का साथ नहीं छोड़ती है। बेटियाँ जब नौकरी करती हैं तब भी अपने परिवार के बारे में चिन्तित रहती हैं। उन्होंने महिला/बाल संरक्षण के सम्बन्ध में चलाये जाने वाले अभियानों को लोगों तक पहुँचाने पर बल दिया तथा उपस्थित अधिकारीगण को शहरों/गाँवों में जाकर इस सम्बन्ध में लोगों को जागरूक बनाये जाने हेतु निर्देशित किया। साथ ही पुलिस अधीक्षक महोदय नें होप संस्था द्वारा जनपद के नक्सल क्षेत्रों में महिलाओं को शिक्षा,बन्धुआ मजदूरी,बालश्रम, भ्रूण हत्या, महिला संरक्षण आदि के विषय में जागरूक बनाये जाने के अभियान का उदाहरण देते हुये कहा कि आज जनपद में नक्सल क्षेत्र के 10 गाँवों में 150 महिलाओँ की टीम है जो अपने क्षेत्र में महिलाओं-पुरुषों को नशामुक्ति, शिक्षा, भ्रूण हत्या, महिला अपराध आदि के विषय में जागरूक बनाये जाने में पूरे जोर-शोर से लगी हुयी हैं तथा अपने क्षेत्र की समस्याओं के विषय में अधिकारीगण को ज्ञापन भी दे रही हैं। जनपद के अति पिछड़े क्षेत्र में महिलाओं का इस प्रकार से स्वयं जागरूक होकर अपने क्षेत्र में भी जागरूकता बढ़ाया जाना काफी प्रेरणादायी अनुभव है।
उक्त अवसर पर श्रीमती प्रियंका निरंजन मुख्य विकास अधिकारी जनपद मीरजापुर ने मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार रखे तथा सम्बन्धित अधिकारीगण को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उक्त कार्यशाला में डा0 रमेश प्रजापति बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा कार्यशाला के मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला गया। इसके बाद अमरेन्द्र कुमार पौत्यायन जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओं अभियान के बारें में जानकारी दी। तत्पश्चात श्रीमती रंजना गौर द्वारा मानव तस्करी, बालश्रम के बारे में जानकारी दी गयी तथा बच्चों/किशोरों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु बनाये गये कानून एवं पूर्व से प्रचलित कानून में दिये गये प्राविधानों व इसमें पुलिस अथिकारीगण की भूमिका, कानूनी क्रियाविधि तथा उनको प्रयोग में लाये जाने में आने वाली समस्याओं एवं उनके निस्तारण के बारे में में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताया गया।
इसके अतिरिक्त उक्त गोष्ठी में मानव तस्करी से सम्बन्धित हेल्पलाईन नम्बर-9119900818, घरेलू हिंसा से सम्बन्धित आशा ज्योति हेल्पलाईन नम्बर-181, चाईल्ड लाइन हेल्पलाईन नम्बर-1098 आदि को बारे में लोगों को जागरूक करने पर विशेष बल दिया गया। पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा बाल संरक्षण, महिला संरक्षण, बंधुआ मजदूरी, बालश्रम, महिला अपराध आदि के उन्मूलन एवं इस सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने के लिये जनपद में कार्यरत विभिन्न एन0जी0ओ0 की सहायता प्राप्त किये जाने हेतु बताया गया।  कार्यशाला में जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला सैनिक कल्याण पुनर्वास अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक एन0एच0एम0, जिला समन्वयक चाइल्ड लाईन, इरफान खान, प्रोजेक्ट मैनेजर ए0ए0के0 हलिया, कार्यकारी स्टाफ एम0एस0ई0एम0वी0एस0, अध्यक्ष/सदस्य बाल कल्याण समित, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी सहित जनपद के सोशल जाने-माने सोशल वर्कर्स एवं पुलिस अधिकारीगण ने प्रतिभाग किया।
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