ज्ञान-विज्ञान

नवप्रवर्तन के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण: 6 विद्यालयों के 40 विज्ञान वर्ग के छात्रों ने प्रतिभाग किया

डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर।

विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा संचालित जिला विज्ञान क्लब मिर्जापुर द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का मुख्य विषय खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच के सामान्य तरीके, तथा नवप्रवर्तन के माध्यम से आत्म निर्भर भारत का निर्माण रहा। विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित जिला विज्ञान क्लब मिर्जापुर के कैंप कार्यालय आवास विकास कॉलोनी परिसर में 28 फरवरी को विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमे 6 विद्यालयों के 40 विज्ञान वर्ग के छात्रों ने प्रतिभागिता की। जिसमे सामान्य विज्ञान प्रश्नोत्तरी, सर सी. वी.रमन के इनूवेशनपर निबंध, खाद्य पदार्थ में मिलावट की जांच का प्रायोगिक प्रदर्शन तथा बाल वैज्ञानिकों द्वारा लाए गए सामानों का स्वयं जांच किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि सेवानिवृत जीवविज्ञानी गुलाब चंद तिवारी ने परिसर में पेड़ लगा कर किया। गुलाब चंद तिवारी ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की महता पर प्रकाश डालते हुए कहा कीआज के ही दिन सर सी. वी. रमन को नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। भारत वर्ष के पहले वैज्ञानिक थे।जिला विज्ञान क्लब समन्यवक एवम भौतिकी प्रवक्ता सुशील कुमार पांडे ने सर सी . वी. रमन के रमन इफेक्ट के प्रकाश के प्रकीर्ण एन के सिद्धांत को समझाते हुए इन्नोवेशन के बारे में जानकारी दी तथा बताया की विना प्रयोगो के प्रायोगिक सिद्धांतो को समझना कठिन है। विज्ञान में प्रयोग का महत्वपूर्ण स्थान है, प्रयोग एवम नवप्रवर्तन के लिए किसी। बड़ी प्रयोगशाला की जरूरत नहीं होती, पहले हमे वैज्ञानिक सोच विकसित करना जरूरी है, आज की विज्ञान के विषय में प्रयोग किताबों तक ही सीमित होता जा रहा है, जो चिंता का विषय है हमे अधिक से अधिक प्रायोगिक जानकारी हानि चाहिए तभी विषय में रुचि पैदा हो सकेगी।

बाल वैज्ञानिकों के प्रत्येक 5-5 के ग्रुप में बाल वैज्ञानिकों ने अपने घरों से लाए हुए खाद्य पदार्थ जैसे मरीच लवंग, इलायची, हींग, सरसों के तेल, खोवा, की जांच जिला समन्वयक के दिशा निर्देशन में किया। जिला समन्वयक सुशील कुमार पांडे ने खोए की जांच करते हुए बताया कि खोए में थोड़ा सा आयोडीन सलूशन डालने पर यदि खोए का रंग बैगनी हो जाता है तो उसने आलू या शकरकंद का गूदा या स्टार्ट मिला होता है जिससे डायरिया उत्पन्न होने की संभावना रहती है। सरसों के तेल में थोड़ा सा एल्कोहलिक पोटाश मिलाकर 5 मिनट तक गर्म करने के बाद जल मिलाने पर यदि बिलियन गंदला हो जाता है तो तेल में मिनरल या खनिज तेल की मिलावट दर्शाता है इससे लीवर विकार एवं कैंसर रोग आने की संभावना होती है। देसी घी में मिलावट की जांच करने के लिए बताया कि परखनली में पिघला भी या मक्खन लेकर समान मात्रा में हाइड्रोक्लोरिक एसिड और चीनी मिलाकर अच्छी तरह से हिला कर 5 मिनट के लिए स्थिर रखने पर लाल रंग आने पर देसी घी या मक्खन में वनस्पति घी की मिलावट दर्शाता है जो पेट दर्द एवं लीवर विकार जैसी समस्या पैदा कर सकता है। हल्दी इनकी मिला हल्दी में मिलावट की जांच करते हुए बताया कि हल्दी में आजकल ज्यादा कलर मिला दिए जा रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है हल्दी में कलर की जांच करने के लिए हल्दी का नमूना परखनली में लेकर स्पीड की 56 बूंदे मिलाने पर बिलियन पीला हो जाता है जो पीले रंग की मिलावट को दर्शाता है इससे कैंसर रोग होने की संभावना रहती है इसी तरह इलायची लवंग एवं पीछे मिर्ची की जांच बाल वैज्ञानिकों द्वारा किया गया जिसमें मिलावट की संभावना दर्शाई गई।

विशेषज्ञ जिला समन्वयक ने बताया कि जब किसी खाद्य पदार्थ में कोई ऐसी सामग्री मिला दी जाती है जो गुणवत्ता को कम कर देती है या उसे हानिकारक बना देती है तो यह मिलावट या आपसे अपमिश्रण की श्रेणी में आता है।मिठाई में चीनी के स्थान पर स्क्रीन का प्रयोग किया जाता है जो चीनी से लगभग 230 गुना अधिक मीठा होता है जो शरीर के अंदर होने वाली अब क्रियाओं में भाग नहीं लेता है और सीधे शरीर से बाहर निष्कासित हो जाता है और शरीर चीनी से प्राप्त होने वाले ऊर्जा से वंचित रह जाता है। अतः हम सभी बाल वैज्ञानिकों को समाज में लोगों को इन छोटे-छोटे प्रयोगों के माध्यम से स्वस्थ रहने के लिए जानकारी देना जरूरी है यह हमारी सामाजिक उत्तरदायित्व है तभी हमारा वैज्ञानिक प्रयास संभव हो सकेगा। नवप्रवर्तन के क्षेत्र में विशेष प्रयोग करने वाले जनपद के प्रसिद्ध नो प्रवर्तक जयप्रकाश बिंद ने नवप्रवर्तन के सफलता और असफलता के बारे में बाल वैज्ञानिकों को अपने कूड़ा उठाने वाले साइकिल ने बीएचयू में किए जाने वाले प्रयोग का जिक्र किया तथा बताया कि हम अपने नवप्रवर्तन के माध्यम से आत्मनिर्भर भी हो सकते हैं एवं समाज को नई दिशा भी दे सकते हैं इसमें असफल होने पर घबराने की जरूरत नहीं है उसमें उन्होंने बताया कि नवप्रवर्तन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग उत्तर प्रदेश सरकार का संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद बाल वैज्ञानिकों को पूरी सुविधा प्रदान करेगा आप अवश्य अपने आसपास के समस्या में नवप्रवर्तन करने का प्रयास करें कभी हमारे विज्ञान पढ़ने का उद्देश्य पूरा हो सकेगा। कार्यक्रम के समापन में विज्ञान प्रश्न प्रश्नोत्तरी में प्रियांशु सोनी, मानस जयसवाल श्री माता प्रसाद माता भीख इंटर कॉलेज मिर्जापुर, प्रथम स्थान पर, विनायक मिश्रा एवं अभिषेक राय श्री माता प्रसाद माता भीख इंटर कॉलेज मिर्जापुर द्वितीय स्थान पर, पंकज सिंह गुरु नानक इंटर कॉलेज मिर्जापुर, तृतीय एवं अलीशा गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज मिर्जापुर को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा प्रकाशित विज्ञान की बहुमूल्य पुस्तकें प्रदान की गई। निबंध प्रतियोगिता में सिद्धार्थ सिंह श्री माता प्रसाद माता भीख इंटर कॉलेज प्रथम, रिया गुप्ता आदर्श बालिका इंटर कॉलेज मिर्जापुर द्वितीय, अली शिवा गुरु नानक इंटर गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज मिर्जापुर तृतीय, तथा उपासना दुबे गुरु नानक इंटर कॉलेज मिर्जापुर एवं आसानी सरकार बीएलजे इंटर कॉलेज मिर्जापुर चतुर घोषित किए गए तथा इन्हें पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त मिलावट की जांच की प्रश्नोत्तरी में विनायक मिश्रा एवं सुनील पटेल को संयुक्त रूप से पुरस्कृत किया गया। जिला संयोजक सुशील कुमार पांडे ने मुख्य अतिथि गुलाब चंद तिवारी को उस वृक्ष देखकर तथा जनपद के एवं प्रदेश के विख्यात नव प्रवर्तक जय प्रकाश बिंदु को पुस्तक प्रदान कर सम्मानित किया। इस आशय की सूचना जिला समन्वयक जिला विज्ञान क्लब सुशील कुमार पांडे ने दी।

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