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सम्भावित बाढ़ व बाढ़ प्रबन्धन के दृष्टिगत फ्लड स्टीयरिंग ग्रुप का किया गया गठन; सम्भावित बाढ़ से पूर्व की जाने वाली तैयारियों व बाढ़ राहत सहित अन्य कार्यो के सम्बन्ध में की गयी समीक्षा

0 बाढ़ चैकियो पर कर्मचारियों की तैनाती के साथ ही सभी पूर्व तैयारियां करने का जिलाधिकारी ने दिया निर्देश

0 जनपद में कुल 37 बाढ़ चैकियो की होगी स्थापना

मीरजापुर। 

जनपद में वर्षा के दिनों में सम्भावित बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण, सूचनाओं के आदान प्रदान, सुरक्षा हेतु बाढ़ चैकियो की स्थापना सहित राहत कार्य के तैयारियों से सम्बन्धित जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की गयी। बाढ़ प्रबन्धन व राहत आदि के सम्बन्ध में शासन के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में फ्लड स्टीयरिंग ग्रुप का गठन किया गया।

स्टीयरिंग ग्रुप में पुलिस अधीक्षक, जिला बाढ़ राहत अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला आपूर्ति अधिकारी, अधिशासी अभिन्यता लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियन्ता विद्युत, अधिशासी अभियन्ता जल निगम को सदस्य एवं अधिशासी अभियन्ता एवं समन्वय अधिकारी बाढ़ को सदस्य/सचिव नामित किया गया हैं।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग ग्रुप के सदस्यो व बाढ़ से सम्बन्धित अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक कर जनपद में बाढ़ के समय स्थिति की समीक्षा, बाढ़ निरोधक कार्यो पर बाढ़ के समय आवश्यक सामाग्रियों की आपूर्ति एवं पहंुचाने हेतु शाधन, क्षतिग्रस्त स्थल पर मरम्मत, बाढ़ निरोधक कार्यो हेतु सुरक्षार्थ आवश्यकता पड़ने पर पी0ए0सी0, पुलिस, होमगार्ड द्वारा पेट्रोलिंग प्रबन्ध, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में क्षतिग्रस्त स्थलों में बिजली का उचित प्रबन्ध, जल मग्न क्षेत्रो में वर्षा का पानी निकाले की समुचित व्यवस्था, राहत कार्यो से सम्बन्धित अन्य सभी कार्यो पर विस्तृत चर्चा की गयी।

जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता सिचाई विभाग व उप जिलाधिकारी सदर व चुनार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि जिला मुख्यालय पर सहित सम्बन्धित तहसील क्षेत्रो में 24 घण्टे लिये बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुये आवश्यकतानुसार कार्मिको की तैनाती कर दी जायें। यह बाढ़ नियंत्रण कक्ष 15 जून 2023 से कार्य करना प्रारम्भ कर दें।

उन्होने कहा कि बाढ़ एवं जलाशयो से सम्बन्धित सूचना प्रतिदिन नियमित रूप से शासन प्रशासन को उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायी जाय। प्रत्येक बांधो, जलाशयो एवं वियर के उक्त जल स्तर, वर्षा की मात्रा, गंगा एवं नहर के पानी लेबिल के साथ-साथ गंगा नदी के पानी स्तर, पानी का घटना बढ़ना आदि की सूचना 15 जून 2023 से प्रत्येक दिन दो-दो घण्टे के अन्तराल पर पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0, उप जिलाधिकारी सदर एवं चुनार, जिला सूचना अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत एवं आपदा विशेषज्ञ को प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाय।

उन्होने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में पशुओ, मानव का सर्वे सहित बोई गयी फसलो का भी सर्वे कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि पशुओं के लिये चारा आदि की व्यवस्था तथा प्रभावित क्षेत्रो मंे मानव के लिये समस्त राहत व्यवस्थाए एवं उस क्षेत्र के छोटे बच्चों के लिये दूध, बिस्किट आदि की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित करा ली जाय। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में विद्युत तारों को सही करने, बाढ़ से क्षतिग्रस्त मार्गो को सही कराने तथा बाढ़ के बाद की जाने वाली सफाई, व्यवस्था संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु दवाओं का छिड़काव सहित अन्य व्यवस्थाए पहले से सुनिश्चित कराने के लिये सम्बन्धि अधिकारी को निर्देशित किया।

अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल ने जानकारी देते हुये बताया कि जनपद मीरजापुर में कुल 10 नदिया है जिसमें मुख्य नदी गंगा तथा शेष 09 छोटी नदिया हैं। जनपद में बाढ़ से सम्बन्धि दो तहसील सदर एवं चुनार तथा विकास खण्ड सिटी कोन, छानबे, मझवा, सीखड़ पहाड़ी, जमालपुर व नरायनपुर बाढ़ से प्रभावित होते हैं। गंगा नदी में खतरे का निशान बिन्दु 77.724 मीटर हैं। जनपद मीरजापुर में गंगा नदी का जल स्तर वर्ष 1978 में 80.340 मीटर, वर्ष 2013 में 79.050 मीटर, वर्ष 2016 में 78.550 मीटर, वर्ष 2019 में 78.980 मीटर, वर्ष 2020 में 74.100 मीटर, वर्ष 2021 में 78.700 मीटर एवं वर्ष 2022 में 78.110 मीटर जल स्तर रहा हैं। उन्होने जल निकासी के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि जल निकासी की व्यवस्था आवश्यकतानुसार स्थल को चिहिन्त कर उप जिलाधिकारी सदर एवं चुनार द्वारा किया जायेगा।

उन्होने बताया कि सभी नगर पालिकाओं के अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने कार्य क्षेत्रो की नालियों आदि की सफाई वर्षा काल से पूर्व करा दे जिससे वर्षा काल में पानी सुगमता से निकल जाये और जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो। अधिशासी अभियन्ता सिचाई ने जानकारी देते हुये बताया कि जनपद में बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण एवं सूचनाओं के आदान प्रदान/सुरक्षा हेतु कुल 37 बाढ़ चैकियो की स्थापना की जायेगी। इन बाढ़ चैकियो पर लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, चिकित्सा विभाग, पशु चिकित्सा विभाग विद्युत विभाग से समन्वय स्थापित करते हुये कर्मचारियों की तैनाती/ड्यूटी लगायी जायेगी।

यह भी बताया कि बाढ़ एवं जलाशयों से सम्बन्धि सूचना प्रतिदिन नियमित रूप से शासन प्रशासन को उपलब्ध करायी जायेगी। जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष कलेक्ट्रेट तथा सिचाई विभाग में खोला जायेगा। कलेक्ट्रेट मीरजापुर बाढ़ नियंत्रण कक्ष का नम्बर-05442-256552 एवं सिचाई विभाग फतहा कालोनी मीरजापुर में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष का नम्बर 05442-252589 हैं। जिसमें तीन शिफ्ट में अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी जायेगी। प्रत्येक शिफ्ट में एक जूनियर इंजीनियर एक तार बाबू, एक लिपिक, दो चपरासी, दो धावक कार्यरत रहेंगे तथा पुलिस विभाग द्वारा बाढ़ निंयत्रण कक्षो में वारलेस सेट लगाया जायेगा। जिससे बाढ़ से सम्बन्धित सूचनाओं के आदान प्रदान की कार्यवाही की जायेगी। बैठक में जल प्लवित क्षेत्रा में पानी की निकासी, बाढ़ राहत शिविर/सामाग्री की व्यवस्था, बाढ़ के दौरान नाव की व्यवस्था, पशुओं को चारे व चिकित्सा की व्यवस्था, बाढ़ क्षति के आकड़ो का प्रेषण, शान्ति व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, आपूर्ति एवं खोज व बचाव सम्बन्धी उपकरण आदि पर विस्तृत चर्चा करते हुये 15 जून 2023 से पूर्व सभी तैयारियों को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल, अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन ओम प्रकाश सिंह, उप जिलाधिकारी सदर चन्द्रभानु सिंह, तहसीलदार चुनार, अधिशासी अभियन्ता विद्युत, सिचाई, लोक निर्माण विभाग व सभी सम्बन्धित अधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित रहें।

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