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रजिस्टर्ड फार्मसिस्ट हेतु एपेक्स फार्मेसी इंस्टिट्यूट में यूपी का पहला रिफ्रेशर कोर्स; मिर्जापुर, सोनभद्र, वाराणसी के अतरिक्त प्रदेश के अन्य 14 जिलों के 700 फर्मासिस्टों ने किया प्रतिभाग

मिर्जापुर।

उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के तत्वाधान में एपेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी चुनार प्रांगण में रजिस्टर्ड फार्मसिस्ट हेतु चेयरमैन संदीप बडोला की पेट्रनशिप में संयोजक प्रधानाचार्य प्रो डॉ सुनील मिस्त्री की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के पहले रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि स्टेट काउंसिल के चेयरमैन संदीप बदोला, एपेक्स के चेयरमैन डॉ एसके सिंह, वीपी एपीटीआई, डॉ प्रणय वाल, ओएसडी फार्मेसी काउंसिल आरसी श्रीवास्तव, मुख्य वक्ताओं जीएसवीएम की प्रो अमिता तिलक, डॉ एसएस पांडे, मालवीय कैंसर संस्थान के टेक्निकल सदस्य बी सेंथिल कुमार एवं प्राचार्य डॉ मिस्त्री द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर रिफ्रेशर कोर्स का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि सहित समस्त अतिथियों ने अपने व्याख्यान में अवगत कराया कि फर्मासिस्टों को क्लीनिकल प्रैक्टिस परक रोजगार प्रदान करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा 2015 मे जारी फार्मेसी रेगुलेशन एक्ट जो महाराष्ट्र, मिजोरम, बिहार, एमपी आदि प्रदेशों में लागू किया जा चुका है, जनसंख्या बाहुल्य उत्तर प्रदेश जहां सबसे अधिक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट है में पीपीआरए एक्ट लागू नहीं है, प्रदेश सरकार एवं काउंसिल ने अपने दायित्वों को ध्यान में रखते हुए रजिस्टर्ड फर्मासिस्टों को रिफ्रेशर कोर्स के माध्यम से प्रबुद्ध फार्मा वक्ताओं द्वारा वर्तमान में दिन-प्रतिदिन होने वाले क्लीनिकल अपडेट, फार्मा रिसर्च आदि के विकास की ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान कर उन्हें रोजगार परक गुणवत्ता पूर्ण प्रोफेशनल फार्मेसिस्ट बनने के गुर बताए।

अपने वक्तव्य में

       प्रो मिस्त्री ने बताया कि स्टेट फार्मेसी काउंसिल इस पीपीआर एक्ट को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और भविष्य इसके लागू होने के बाद फर्मासिस्ट को पाँच वर्ष में होने वाले रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के लिए रिफ्रेशर कोर्स प्रतिभागिता प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। एपेक्स के चेयरमैन डॉ एसके सिंह ने करोना काल का उदाहरण देते हुए फार्मासिस्टों द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में दी जाने वाली सेवाओं की सराहना करते हुए इस रिफ्रेशर कोर्स द्वारा अपने ज्ञान वर्धन के लिये शुभकामनायें प्रदान की एवं काउंसिल अध्यक्ष से मिर्जापुर को फार्मेसी हब बनाने हेतु अनुरोध किया।

कोर्स में प्रदेश के मिर्जापुर, सोनभद्र, वाराणसी के अतरिक्त प्रदेश के अन्य 14 जिलों के 700 फर्मासिस्टों ने भाग लिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं सफल संयोजन डॉ नरेंद्र, प्रो योगेश, प्रो संजय, प्रो अनुराधा, प्रो रवि, प्रो सूरज, प्रो दीक्षा, डॉ जलालुदीन, प्रो राम मनोहर, प्रो अभय, प्रो नेहा, प्रो सुल्तान आदि द्वारा किया गया।

 

फार्मेसी छात्रों के लिए सभी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध: संदीप बडौला

चुनार, मिर्जापुर।

फार्मेसी के छात्रों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है, उनसे जुड़ी सभी सुविधाएं कौंसिल के वेबसाइट पर आनलाइन उपलब्ध हैं। यह बातें उ0प्र0 काउंसिल के चेयरमैन संदीप बडौला ने मंगलवार को बालू घाट स्थित पण्डित बेचन शर्मा “उग्र” पुस्तकालय मेंआयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहाकि ऑनलाइन व्यवस्था के बाद हमने 1.5 लाख छात्रों का पंजीयन किया है। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में रोगों की जानकारी के लिए पैथोलॉजी और दवा के निर्माण में फार्मेसी काम करता है। दवा के निर्माण और उसके प्रयोग तक फार्मेसी काम करता है, दवा में कौन कौन सी चीजें और कितनी मात्रा में प्रयोग होंगी जो मरीज को तत्काल लाभ पहुंचाए क्योंकि औषधियों के लाभ और दुष्प्रभाव भी हैं जिस बारे फार्मेसी दृष्टि रखता है।

उन्होंने कहाकि पहली बार प्रदेश की सरकार मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में काम कर रही है, वह लगातार उत्तर प्रदेश में फरमा हब और फार्मा पार्क बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। काउंसिल विशेषज्ञों की राय लेकर व्यवस्था को और मजबूत करेंगे। इस दौरान फार्मेसी काउंसिल के विशेष कार्याधिकारी डा0 रमेश चंद्र श्रीवास्तव व अन्य उपस्थित थे।

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