क्राइम कंट्रोल

घरेलू हिंसा/महिलाओं के साथ छेड़छाड़/मारपीट की घटनाओं में कार्यवाही हेतु हेल्पलाईन शुरू

ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर। 
         
उत्तर प्रदेश में घरेलू हिंसा व महिलाओं के साथ होने वाली मारपीट, छेड़खानी की घटनाओं में महिलाओं/ पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने हेतु हेल्पलाईन नम्बर 181 जारी किया गया है। हेल्पलाईन 181 का उद्देश्य महिलाओं को एक ही छत के नीचे उनकी विभिन्न शिकायतों का त्वरित निराकरण करना है, इसके माध्यम से महिलाओं व युवतियों को विभिन्न प्रकार की शिकायतों हेतु अलग-अलग नम्बरों पर शिकायत करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी बल्कि एक ही नम्बर के माध्यम से सभी शिकायतों का निराकरण किया जायेगा। आशीष तिवारी पुलिस अधीक्षक नें उक्त हेल्पलाईन नम्बर की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये महिलाओं व युवतियों में इसका प्रचार-प्रसार कराये जाने पर विशेष बल दिया है। पुलिस अधीक्षक महोदय के अनुसार उक्त नम्बर के माध्यम से महिलायें/युवतियों को अपने साथ होने वाली मारपीट/छेड़खानी की घटनाओं की शिकायत दर्ज करा सकती हैं। जिसका त्वरित व समेकित निस्तारण किया जायेगा।

हेल्पलाइन नम्बर 181 से इन मामलों में मिलेगी मदद

           महिलाओं-लड़कियों के साथ मारपीट (किसी भी प्रकार की मारपीट)। घरेलू हिंसा (वैवाहिक दुर्व्यवहार, यौन संबंध को लेकर हिंसा, घरेलु मारपीट या पारिवारिक हिंसा आदि)। एसिड अटैक के मामले। लड़कियों के साथ छेड़छाड़। रेप-गैंगरेप। दहेज उत्पीड़न। सेल्टर होम (घर से निकाले जाने पर या घर नहीं जाने पर महिला को कुछ दिनों के लिए सेल्टर होम की मदद दी जाएगी)। परामर्श (पारिवारिक विवाद को लेकर कानूनी सलाह यहां ली जा सकेगी)। चाइल्ड लाइन (बच्चों से जुड़े मामलों को 1098 को ट्रांसफर कर दिया जाएगा)।  चिकित्सीय सुविधा (मेडिकल संबंधित कोई भी सुविधा)।तत्काल पुलिस सहायता (पीड़िता को महिला पुलिस की मदद दिलवाई जाएगी)। रेस्क्यू वैन (महिला को कोर्ट, अस्पताल ले जाना या पूछताछ के लिए ले जाने के लिए रेस्क्यू वैन की मदद दी जाएगी। पुलिस रिपोर्टिंग चौकी (मुकदमा दर्ज कर मामले को संबंधित थाने को ट्रांसफर किया जाएगा)।

 एसपी ने बताया कि हेल्पलाईन नम्बर 181 में 02 शिफ्टों में काम होगा। हेल्पलाइन को हर जिले में एक गाड़ी मिली हुई है। इसके लिए 02 ड्राइवर, महिला कल्याण विभाग की 03 महिला, 02 महिला एसआई, 04 महिला सिपाही। हर शिफ्ट में 01 ड्राइवर, 01 महिला कल्याण की सदस्य, 01 एसआई और दो महिला सिपाही रहेंगे। बताया कि हेल्पलाईन 181 हेतु लखनऊ के आशियाना में 181 का कॉल सेंटर बना है। यह 8 घंटे की 3 शिफ्ट में काम करेगा। इस दौरान हर शि‍फ्ट में 30 कॉल टेकर आने वाली शिकायतों को अटेंड करेंगी। इस काम के लिए 90 कॉल टेकर की टीम को यूनिसेफ से ट्रेनिंग दी गई है। हर जिले के डीपीओ (डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर) इस हेल्पलाइन को लीड करेगा। डीपीओ कलेक्ट्रेट में एक पोस्ट होती है जो कि दहेज उत्पीड़न सहित विभिन्न आपराधिक मामलों को देखता है। यह हेल्पलाईन प्रदेश में पूर्व से चल रही सभी हेल्पलाइन, थाना, एंबुलेंस से कॉर्डिनेट करेसी तथा जहां जिसकी जरूरत पड़ेगी उससे मदद ली जाएगी। जैसे, एक समय में चार घटनाएं हो जाती हैं। अगर सभी ने 181 से मदद मांगी तो संबंधित थाने और एंबुलेंस से कॉर्डिनेट करके सबसे नजदीकी स्पॉट के पास हमारी टीम पहुंचेगी। बाकी केसों पर लोकल टीम एक्शन लेगी।

हेल्पलाईन नम्बर-181 सेवा के तहत एक छत के नीचे मिलेंगी ये सुविधाएं

शेल्टर होम में रहने की मदद, महिला पुलिस, चाइल्ड लाइन, काउन्सलिंग (महिलाओं को मनौवैज्ञानिक सलाह मिलेगी), मेडिकल सुविधा, एफआईआर रूम, लीगल हेल्प, कौशल विकास की ट्रेनिंग, किचन, लाइब्रेरी, मीटिंग हॉल और एडमिन रूम। 
      
       एसपी ने बताया है कि महिलायें/युवतियाँ/छात्रायें/किशोरियाँ अपने साथ होने वाली किसी भी प्रकार के मारपीट/छेड़खानी व अन्य प्रकार की समस्या होने पर हेल्पलाईन नम्बर 181 डायल करके अपनी शिकायत दर्ज कराते हुये उसका त्वरित निराकरण करा सकती हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गयी यह सुविधा (हेल्पलाईन नम्बर-181) महिला सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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