क्राइम कोना

हेलीकॉप्टर से पहुँचे न्यायाधीश, सुनारिया जेल केे अस्थाई अदालत मे सुनाई दस-दस साल की सजा

साध्वी दुष्कर्म मामले में गुरमीत को बीस साल खानी पड़ेगी जेल की हवा

ब्यूरो रिपोर्ट 

साध्वी से यौन शोषण के मामले में सीबीआई की पंचकुला स्थित अदालत द्वारा शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद सोमवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीपसिंह ने सुनारिया जेल की अस्थाई अदालत में सजा पर सुनवाई करते हुए उन्हें दो मामलों में 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

इसके अलावा उन्हें दोनों मामलों में 15-15 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी दिया गया है। अर्थदण्ड में 14-14 लाख रुपए पीडि़तों को दिए जाएंगे। सजा की खास बात यह है कि गुरमीत को दोनों मामलों की सजा अलग-अलग भुगतनी होगी। इसके तहत अब गुरमीत को बीस साल तक जेल की हवा खानी पड़ेगी। फैसले की कॉपी आने के बाद अदालत की ओर से किए गए विस्तृत फैसले का खुलासा हुआ है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार दोपहर ढाई बजे न्यायाधीश जगदीपसिंह ने सुनवाई शुरू कर दी। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए दस-दस मिनट का समय दिया गया था। इसमें पहले सीबीआई के अधिवक्ताओं ने दोनों साध्वी के साथ किए गए यौन शोषण के मामले की गम्भीरता को बताते हुए अधिकतम सजा देने की मांग की। इसके बाद गुरमीत के अधिवक्ताओं ने एक. के. नरवाना के नेतृत्व में गुरमीत की ओर से किए गए सामाजिक सरोकार के काम तथा उनके परिवार को देखते हुए कम से कम सजा दिए जाने की मांग की।

इसके अलावा अधिवक्ताओं ने गुरमीत की जेल बदलने की भी मांग की। इसके बाद न्यायाधीश मामले की गम्भीरता को देखते हुए उन्हें दोनों मामलों में दस-दस साल के कठोर कारवास तथा 15-15 लाख रुपए अर्थदण्ड की सजा सुना दी। खास बात यह रही कि सुनवाई के दौरान गुरमीत न्यायाधीश के सामने हाथ जोडक़र खड़े रहे तथा उनकी आंखे भरी हुई थी। वह बार-बार रोते हुए न्यायाधीश से सामाजिक सरोकार की दुहाई देते हुए माफ करने की गुहार लगा रहा था, लेकिन न्यायाधीश ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए उन्हें किसी भी सूरत में माफी नहीं दिए जा सकने की बात कही। इसके बाद सजा का आदेश दे दिया गया।

 

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