खेत-खलियान और किसान

भारतीय किसान सेना ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भेजकर किसानों की आवाज बुलंद की

डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर। 
     कृषि विधेयक बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को प्रताड़ित किये जाने को लेकर भारतीय किसान सेना के बैनर तले किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
 पंजाब व हरियाणा के किसानों के समर्थन में भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राम राज पटेल के द्वारा राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी चुनार सुरेंद्र बहादुर सिंह को सौंपा गया। जिसमें किसानों ने कहाकि किसान अपने हक की मांग कर रहे हैं फिर भी किसानों के ऊपर वाटर कैनन, लाठी व गोलियां चलाई जा रही है। जो ब्रिटिश हुकूमत को याद दिला रही है। राष्ट्रपति से किसानों ने आग्रह किया कि  तीनों कृषि विधायक बिल से किसान बर्बाद हो जाएंगे। किसानों को उचित कीमत नहीं मिलेगा, समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं है, क्योंकि बड़े व्यापारी किसानों का मनमानी शोषण करेंगे। इस समय किसानों के भरोसे 80% देश की जनता का जीविकोपार्जन हो रहा है यदि किसानों की मांग नहीं मानी गई तो किसानों के साथ देश की आम जनता भी भुखमरी के कगार पर हो जाएंगे।
       भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राम राज पटेल ने यह भी मांग किया कि एन एच 7 के चौड़ीकरण में कार्यदाई संस्था द्वारा किसानों की जमीन अधिग्रहित कर ली गई है, किंतु किसानों के जमीन का मुआवजा काफी लोगों को नहीं मिला है, जिसे तत्काल दिलाया जाय।
         ग्राम सभा रैपुरिया में उच्च न्यायालय का हवाला देकर आदिवासियों को जाड़े के दिन में उनका मकान उजाड़ दिया गया, जिससे बच्चों सहित आदिवासी खुले आसमान में रहने को मजबूर हैं जिन्हें तत्काल जमीन की पट्टा दिया जाए साथ ही साथ ग्राम सभा रैपुरिया में ही शिवाला मंदिर की जमीन रकबा 4 बीघा गांव के एक सरहंग व्यक्ति द्वारा बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के गलत व गैरकानूनी तरीके से चकबंदी के समय अपना नाम चढ़ा लिया जिससे तुरंत जांच कराकर सरहंग  व्यक्ति का नाम शिवाला मंदिर के कागजात से काट दिया जाए तथा फ्रॉड सरहंग व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई किया जाए, डॉ  राम राज पटेल ने कहा की उक्त मांगों की कार्रवाई एक सप्ताह के भीतर नहीं होती है तो भारतीय किसान सेना तहसील मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए, साथ में मुन्ना चौबे ,अमन सिंह, दीनानाथ ,गनपत मौर्या ,अमरनाथ सिंह ,अवधेश सिंह के साथ अन्य किसान मौजूद थे।
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