एजुकेशन

डैफोडिल्स के लोहिया तालाब शाखा ने धूमधाम से मनाया अपना 28 वाँ वार्षिक समारोह, जीव विज्ञान आधारित थीम ने दर्शकों को किया प्रभावित

0 समारोह की थीम – ‘क्रमागत उन्नति’ रही

मीरजापुर।

शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक दायित्वों के निर्वहन से अपनी पहचान बनाकर मिसाल कायम करने में सक्षम डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल ने लोहिया तालाब के प्रांगण में अपना 28 वाँ वार्षिक समारोह शानदार ढंग से मनाया। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्षों में भले ही समारोह नहीं मनाया जा सका था किंतु इस बार की विज्ञान, इतिहास, योग, स्काउट, नृत्य आदि पर आधारित प्रस्तुतियों ने दर्शकों को वाह – वाह करने पर मजबूर तो किया ही साथ ही साथ यह भी साबित कर दिया कि डैफोडिल्स हमेशा एक नई सोच और नई परंपरा के साथ आगे बढ़ता है।

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इस समारोह की थीम ‘ क्रमागत उन्नति’ धरती की उत्पत्ति और उस पर जीवों के क्रमिक विकास पर आधारित है. जल चर, थल चर, नभ चर  से आगे बढ़ते हुए चिंपैंजी से आगे आदि मानव की गाथा है. मनुष्य ने भौतिक विकास की अति करके प्रदूषण तथा अशांति का फैलाव किया। इस अशांति और हिंसा भरे माहौल से मुक्ति योग और ध्यान ही दिला सकता है। समारोह के मुख्य अतिथि एजूकेशन वर्ल्ड के सेल्स एंड मार्केटिंग डिपार्टमेंट के वाइस प्रेसीडेंट श्री तेजस पाटनी जी के सम्मान में स्काउट टीम ने म्यूजिकल ट्रूप के साथ मार्च पास्ट किया। मुख्य अतिथि के साथ स्कूल की प्रेसीडेंट डा० भाटिया, श्रीमती सैनी, डाइरेक्टर अमरदीप सिंह एवं अपराजिता सिंह तथा प्रधानाचार्या कंचन श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलन किया। बच्चों ने मधुर स्वर में वीणापाणि माँ सरस्वती की वंदना की। डाइरेक्टर अपराजिता सिंह की उपस्थिति और उनकी मंचीय प्रस्तुति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया. डिस्कवरी ऑफ इंडिया ‘ के माध्यम से सृष्टि संरचना की भूमिका बताई गई।

कोटक महेंद्रा के सौजन्य से मुख्य अतिथि द्वारा बोर्ड परीक्षा 2022 के टॉपर्स को पुरस्कृत किया गया. बता दें कि स्कूल की छात्रा आयुषी उमर ने बोर्ड परीक्षा में पूर्वांचल टॉप किया था। स्काउट एंड गाइड टीम की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को आकर्षित किया। जैविक उद्भव की क्रमागत उन्नति के आधार पर बटरफ्लाई, फ्रॉग,  डायनासोर, पीकॉक, चिंपैंजी तथा आदि मानव तक की संरचना पर आधारित नृत्य कार्यक्रम बहुत मोहक रहे। कृषि सभ्यता के पश्चात मोहन जोदड़ों की सभ्यता एवं मिश्र की सभ्यता दिखाई गई।

मध्य कालीन इतिहास की ओर बढ़ते हुए मुगल आक्रांताओं के छक्के छुड़ाने वाले अतुल पराक्रमी योद्धाओं महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी पर आधारित प्रस्तुतियों ने दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दिए। बड़ी सहजता से, कम समय में गणना करने में दक्ष बच्चों ने एबेकस की शानदार प्रस्तुति दी. माइम एक्ट के बहाने दिखाने का प्रयास था कि मनुष्य भौतिक विकास की चकाचौंध में प्रकृति को भूलता जा रहा है। बढ़ते प्रदूषण से अनेक जानलेवा बीमारियां जन्म ले रही हैं। आत्मरक्षा के लिए बच्चों द्वारा कराटे की प्रस्तुति बड़ी शानदार रही। योग के आसनों और प्राणायाम आदि के माध्यम से यह बताया गया कि आत्मशांति का यही उपाय है। अशांति और हिंसा से निवृत्ति का एकमात्र यही उत्तम मार्ग है. शांति पाठ के पश्चात राष्ट्रगान संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन ईशिता शुक्ला और मानसी ने किया।

इस अवसर पर स्कूल का  विस्तृत प्रांगण अभिभावकों और अभ्यागतों से खचाखच भरा था. उधर पश्चिम के क्षितिज पर भगवान भास्कर अपनी लालिमा फैलाए अस्ताचल की ओर जा रहे थे और इधर विंध्य धाम की पावन धरा पर स्कूल का प्रांगण हजार हज़ार वाट के विद्युत दीपकों और एलईडी के प्रकाश से नहा उठा था। दर्शक आत्म विभोर होकर तालियां बजाते हुए कार्यक्रमों का आनंद उठा रहे थे और अपने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए गदगद हो रहे थे। डाइरेक्टर अमरदीप सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि 19 और 20 नवंबर को भी अलग – अलग ब्रांच के समारोह मनाए जाएंगे।

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