ज्ञान-विज्ञान

अब असंगठित क्षेत्र के नवप्रवर्तक (जुगाड़ू) जिला स्तरीय प्रदर्शनी में कर सकेंगे प्रतिभाग

मिर्जापुर।
विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश के नवप्रवर्तन केंद्र को तृणमूल स्तर के नवप्रवर्तक के चिन्हांकन एवम सहयोग हेतु प्रदेश सरकार द्वारा चिन्हित किया गया है। प्रायः नवप्रवर्तक ऐसे वर्ग से आते है जिनका शैक्षिक स्तर बहुत अच्छा नही होता है। अधिकांशतः नवप्रवर्तन अभावों एवम विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए अथवा अपने काम को सरल तरीके से करने के लिए कोई नवीनतम आविष्कार को जन्म देते है और यह अंवेषड नवप्रवर्तन कहलाता है। अधिकतर नवप्रवर्तक  किसान, मैकेनिक मजदूर या शिल्पकार होते हैएवं अन्य नवप्रवर्तक जो विज्ञान वर्ग से पढ़े नही होते अर्थात वे इंजीनिरिंग या विज्ञान में स्नातक नही होते, फिर भी उनकी सोच वैज्ञानिक होती है। नवप्रवर्तक आर्थिक रूप से कमजोर होते है। ऐसी दशा में उनके द्वारा प्रतिपादित बहुमूल्य नवान्वेषण सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सन्तुष्टि सहारा बनकर रह जाता है।  जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि इस प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने एवम तृण मूल नवप्रवर्तक को प्रोत्साहित करने एवम नवप्रवर्तक को उनके द्वारा ही प्रतिपादित बहुमूल्य नवप्रवर्तन द्वारा स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए नवप्रवर्तक को सबल बनाने हेतु जिला स्तरीय नवप्रवर्तन प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इस प्रदर्शनी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त नवप्रवर्तक को 5000, द्वितीय को 3000, तृतीय को 2000 एवम तीन सांत्वना पुरस्कार 1000 रुपये दिए जाएंगे। इस प्रदर्शनी का  आयोजन किसान सम्मान दिवस के अवसर पर 23 दिसम्बर को कृषि विज्ञान केंद्र राजीव गांधी दक्षिडी परिसर बी एच यू बरकछा में आयोजित की जाएगी।इस प्रदर्शनी में जनपद के कोई भी किसान, मैकेनिक, किसान जिन्होंने कोई नवप्रवर्तन किया है।वे 23 दिसम्बर को अपने स्टाल लगाने की सूचना विस्तृत जानकारी के साथ मोबाइल नम्बर 94503165 19 से सम्पर्क कर सकते है।
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