शोक संवेदना

मिर्जापुर: छानबे खंड के प्रथम खंड कार्यवाह स्वर्गीय अमरनाथ अग्रहरि के पत्नी के निधन पर रक्षामंत्री ने फोन पर व्यक्त की शोक संवेदना

0 ….तो क्या स्थानीय सांसद-विधायक पूरी करेंगे संघ पुरोधा पत्नी की अंतिम इच्छा?
0 गैपुरा को ‘अमर चौक’ स्थानीय जनप्रतिनिधि ही कर सकते है घोषित, स्थानीय लोग ही देखेंगे: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
0 बोले- जब मिर्जापुर आएंगे, तो जरूर आयेंगे

मिर्जापुर।  

   शुक्रवार को देर शाम रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने RSS के प्रथम खंड कार्यवाह स्वर्गीय अमरनाथ अग्रहरि के पत्नी शांति देवी के निधन पर फोन पर वार्ता कर संवेदना व्यक्त किया। स्वर्गीय अमरनाथ के पौत्र नीरज अग्रहरी, भारत सरकार के नोटरी श्रीश अग्रहरि और कंपोजिट विद्यालय कोलाही (छानबे) के प्रधानाध्यापक डॉ. रविश अग्रहरि से वार्ता हुई।

             नोटरी श्रीश से वार्ता के दौरान रक्षामंत्री ने संवेदना व्यक्त कर पूछा कि कितनी आयु थी। बताया गया कि 90 से ऊपर हो गयी थी, जिस पर रक्षा मंत्री ने कहा कि चलिए अपनी आयु पूरी कर ली थी। श्रीश ने अपने माता स्व. शांति देवी की अंतिम इक्षा “गैपुरा चौराहे पर स्व. अमर नाथ अग्रहरि की प्रतिमा स्थापना कर ‘अमर चौक’ घोषित” कर पूरी करने के सम्बंध में कहा तो रक्षामंत्री ने कहा यह स्थानीय जनप्रतिनिधि कर सकते हैं।

             तत्पश्चात प्रधानाध्यापक डॉ. रविश अग्रहरि से वार्ता के दौरान पुरानी यादों को ताजा करने के  लिए उन्होंने विजयपुर आने के लिए निवेदन किया, तो रक्षामंत्री ने  कहा कि अब तो यूपी में काम ही आना होता है, फिर भी जब भी आयेंगे, तो जरूर आयेंगे। संघ पुरोधा एवं प्रथम खंड कार्यवाह के पत्नी की अंतिम इक्षा कोई बहुत बड़ी बात नहीं, जिसे पूरी न किया जा सके। फिर भी रक्षामंत्री ने एक तरह से इसे स्थानीय जनप्रतिनिधियों के ऊपर छोड़ दिया है।

अब देखना यह है कि रक्षामंत्री के पास पहुंची संघ पुरोधा के अंतिम इक्षा की पाती को अमली जामा पहनाने में जिले की स्थानीय सांसद अनुप्रिया पटेल जो एनडीए सरकार में मंत्री भी है और स्थानीय विधायक पंडित रत्नाकर मिश्र जो स्वयं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में लंबा समय व्यतित करने के बाद लगातार दुसरी बार जनप्रतिनिधि है, दिलचस्पी लेते है। उल्लेखनीय है कि स्व. अमरनाथ अग्रहरि के पत्नी के मृत्यु (3 जनवरी) से पहले उनका हाल जानने के लिए नगर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्र संघ दायित्वधारी माता सहाय मिश्र जी के साथ 29 दिसम्बर को पुरानी बाजार विजयपुर स्थित आवास पर पहुंचे थे और स्वास्थ्यगत जानकारी लिए थे।

अटल जी को कुश्ती में दी थी पटखनी, दायित्व निर्वहन युक्ति से स्वामी ब्रहमाश्रम को जनसंघ से  अमरनाथ ने बनाया था विधायक

मिर्जापुर।

      22 अगस्त 1988 को लगभग 55 वर्ष की अवस्था में मृत्यु से पहले अमरनाथ अग्रहरि सामान्य स्वयंसेवक से संघ कार्य की शुरुआत करके प्रथम खंड कार्यवाह और तत्पश्चात जिले में दायित्वधारी रहे। इमर्जेंसी लगी, तो जेल गए। जब अटल जी राज्यसभा सदस्य रहे,  उस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी को कुश्ती में पटखनी दी थी।   

 उल्लेखनीय है कि नगर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्र के वर्ष 2017 के चुनावी जनसभा में तत्कालीन गृहमंत्री के रूप में अपने उद्बोधन में राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन के शुरुआत में ही कहा था –

’मै जब यहाँ आता हूँ तो मुझे बहुत कष्ट होता है, यही से थोड़ी दूर पर अमर नाथ अग्रहरि का घर ग्रामसभा विजयपुर में है, जो अब नही रहे। वे छानबे खण्ड के प्रथम खण्ड कार्यवाह रहे- मैं जब पहली बार विस्तारक बनकर आया, तो उनके साथ हमने काम किया है।’’

बता दें कि अद्भुत प्रतिभा के धनी हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू में महारत हासिल राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के समर्पित निष्ठावान कार्यकर्ता स्व0 अमर नाथ  मीरजापुर के छानबे ब्लाॅक के विजयपुर में रहकर आजीवन संघ के साधारण कार्यकर्ता की भांति निष्ठाभाव से विभिन्न आनुषांगिक संगठनों को भी जीवन्त करने के भाव के साथ अध्यापक अर्जन से परिवार का भरण-पोषण करते थे।

परम् पूज्य डा0 हेडगेवार साहब, श्री गुरू जी, रज्जू भैया के साथ अनेक कार्यक्रमों का समुचित संचालन व्यवस्था देखते थे। स्व0 नाना जी देशमुख जनसंघ के संस्थापक सदस्य का कार्यक्रम भी राजा साहब विजयपुर के ही प्रांगण में आयोजित किया गया था।स्वामी ब्रहमाश्रम जी बिहसड़ा जनसंघ से एवं राजा श्री निवास प्रताप सिंह कांग्रेस से प्रत्याशी रहे।

राजा विजयपुर के राज्य में रहते हुये भी कुशल कार्यकर्ता दायित्व निर्वहन की युक्ति से स्वामी ब्रहमाश्रम जी जनसंघ को विधायक बनाने में सफल रहे, जिसके कारण राजा विजयपुर का कोपभाजन भी सहन करना पड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल जी राज्यसभा सदस्य काल में बिहसड़ा मैदान में आये थे और वहां पर स्व0 अग्रहरि एवं अटल जी के बीच कुश्ती भी हुयी थी। जिसमें अमर ने अटल को पटखनी दी थी और मिर्जापुर सेजाने के बाद अटल जी ने एक पत्र भेजा था, जिसमें तत्कालीन राजनीतिक परिवेश का जिक्र करते हुए अटल जी ने  पूरा अंतरदेशीय पत्र भर डाला था।

निवर्तमान चेयरमैन मनोज जायसवाल ने घर पहुच कर व्यक्त की शौक संवेदना

निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल शनिवार को विजयपुर गांव स्थित स्वर्गीय अमरनाथ अग्रहरि के आवास पर पहुंचे। प्रधानाध्यापक रवीश कुमार अग्रहरि एवं भारत सरकार नोटरी शिरीष अग्रहरी से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अमरनाथ जी अग्रहरि की यादों को भुलाया नहीं जा सकता। अमरनाथ जी की मृत्यु के 34 साल बाद माताजी के निधन से एक सदी का अंत हुआ है।

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