एजुकेशन

उच्च शिक्षा में वित्तीय साक्षरता समय की है आवश्यकता: प्राचार्य (प्रोफेसर) अशोक कुमार सिंह

मिर्जापुर। 

के बी पीजी कॉलेज मीरजापुर मे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा प्रायोजित ‘युवकों के लिए वित्तीय शिक्षा’ पर सोमवार से दोदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के दौरान प्राचार्य प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह ने कहा कि वित्तीय साक्षरता अथवा वित्तीय शिक्षा को व्यापक रूप से इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है।

‘वित्त बाजार से उसके उत्पादों, खासकर उसके प्रतिफलों एवं जोखिमों के ज्ञान के साथ, युवाओं को परिचित कराना, ताकि वे अपने विकल्पों का चयन अच्छी तरह से समझ-बूझकर कर सकें’ इस लिए उच्च शिक्षा में वित्तीय साक्षरता समय की आवश्यकता है।

कार्यशाला में बतौर रिसोर्स पर्सन एक्सिस बैंक के अनिल नारायण दुबे ने बताया कि सेबी ने बचत और निवेश की मूल बातें, सही निवेश विकल्प चुनने की युक्तियां, परिसंपत्ति आवंटन के लिए रणनीति और विभिन्न वित्तीय उत्पादों की विशेषताओं और लाभों को समझने के लिए युवकों में राष्ट्र व्यापी वित्तीय साक्षरता अभियान चलाया है।

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि सेबी हमारे देश में निवेश के माहौल, जोखिम और रिटर्न विश्लेषण और जीवन के विभिन्न हिस्सों से निवेशकों द्वारा निवेश के फैसले का आकलन करने के लिए आवश्यक अन्य मापदंडों के बारे में निवेशकों को शिक्षित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह चन्देल ने कहा कि वित्तीय साक्षरता अपने, परिवार की और अपने व्यवसाय की समृद्धि को बढ़ाने के लिए आर्थिक संसाधनों से परिचित होने, उनपर नजर रखने और प्रभावशाली रूप से वित्तीय संसाधनों के प्रयोग करने की व्यक्ति की क्षमता है। कार्यशाला का संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ अमित कुमार ने किया। इस दौरान डॉ अशोक कुमार पांडेय, डॉ गुरु प्रसाद ओझा, डॉ रीता सिंह, डॉ विपिन पटेल, डॉ के एम दुबे एवं छात्र छात्राए उपस्थित रही।

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