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जयगुरुदेव के एक सप्ताह तक होने वाले कार्यक्रम की नही मिली परमिशन, प्रसाशन ने स्थल को करवाया खाली

0 वनविभाग व वनस्थली के बीच भूमि विवाद के चलते परमिशन को निरस्त कर दिया गया है: एसडीएम चुनार

0 जय गुरुदेव कार्यक्रम की परमिशन रद्द होने से भारी संख्या में पुलिस फोर्स व पीएसी बल के साथ जगह को खाली कराया गया: नक्सल एडिसनल एसपी

फोटोसहित (37, 40)

अहरौरा, मिर्जापुर। बाबा जयगुरुदेव एक आध्यात्मिक संत थे। दुनिया भर में शाकाहार और शराबबंदी का प्रचार करने वाले बाबा जयगुरुदेव के शिष्य व प्रचारित करने वाले रतनलाल कन्नौजिया उर्फ रत्न बाबा का सत्संग कार्यक्रम अहरौरा क्षेत्र के एसीपी टोलप्लाज़ा के सामने वनस्थली महाविद्यालय के पास एक जुलाई से आठ जुलाई तक सत्संग कार्यक्रम रखा गया था। इसमें जयगुरुदेव के अनुयायियों ने रतनलाल बाबा का एक सुंदर मंदिर नुमा कुटिया बनाया गया था। इस कुटिया में बाबा के रहने व ठहरने के लिए सभी चीज की व्यवस्था की गई थी और कार्यक्रम स्थल पर सैकड़ों अनुयाई पहले से ठहरे हुए थे। परन्तु कार्यक्रम का परमिशन न मिलने से पुलिस प्रशासन ने कुटिया को हटवाया और कार्यक्रम स्थल पर अनुयायियों की बने झोपड़ी को हटा दिया गया।

जय गुरुदेव के कार्यक्रम में परमिशन न मिलने से गुरुवार की बीती रात को थाना प्रभारी ने हेड अनुयाई को बताया की सुबह सब हटवा दिया जाए जिसमे यहां पर कोई भी कार्यक्रम नही होगी।

दिन शुक्रवार की सुबह कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे नक्सल एडिश्नल एसपी ओपी सिंह व चुनार उपजिलाधिकारी नवनीत सेहरा, सीओ मड़िहान अनिल पाण्डेय, चुनार सीओ उमाशंकर सिंह के साथ कई थानों की पुलिस फोर्स व कई प्लाटून पीएसी बल के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहूंचकर जगह को खाली करवाया गया। जिससे नगर पालिका अहरौरा के दर्जनों कर्मचारियों के मदद से बने दर्जनों कुटिया को हटाकर जगह को खाली कराया गया। चुनार एसडीएम नवनीत सेहरा ने बताया कि जय गुरुदेव के कार्यक्रम का परमिशन दिया गया था, जब बाद में पता चला कि ये वनस्थली और वन विभाग के बीच भूमि विवाद को लेकर न्यायालय में मुकदमा चल रहा है तो विवादित भूमि मानकर होने वाले जयगुरुदेव का कार्यक्रम परमिशन को निरस्त कर दिया था और जब आकर यहां देखा गया तो परमिशन से पहले जयगुरुदेव के अनुयायियों ने तंबू बास बल्ली से झोपड़ी व मन्दिर नुमा कुटिया को बनाया गया था जिससे भारी संख्या में पुलिस फोर्स व पीएसी दलबल के साथ जगह को खाली कराया गया हैं।

नक्सल एडिसनल एसपी ओ.पी. सिंह ने बताया कि जयगुरु देव के कार्यक्रम में 27 जून को परमिशन दी गई थी जब 28 जून को पता चला कि वनस्थली व वनविभाग से भूमि विवाद कोर्ट में चल रहा है, और कोर्ट द्वारा कोई एनओसी भी नही दी गई हैं, जिसमें थाना प्रभारी अहरौरा द्वारा एसडीएम चुनार को रिपोर्ट देने के बाद परमिशन को रद्द कर दिया गया। परमिशन रद्द करने के बाद जब देखा गया तो कार्यक्रम स्थल पर रहने व ठहरने के लिए बनाए गए झोपड़ी, कुटिया नुमा बाबा का मंदिर और टेंट को हटवाने का निर्देश दिया गया। जिससे नगर पालिका अहरौरा के दर्जनों कर्मचारियों के मदद से जगह को खाली करवाया गया।

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