अजब-गजब

मड़िहान तहसील से नक्सा, बंदोबस्त समेत कई रिकार्ड गायब

Vindhy News Bureau, मड़िहान(मीरजापुर).
स्थानीय तहसील क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन गांवो का नक्सा,बंदोबस्त समेत कई रिकार्ड गायब होने का मामला प्रकाश में आया है।इसका खुलासा तब हुआ जब तहसील क्षेत्र के दो सौ 21राजस्व गांव का नक्सा ऑनलाइन अपलोड किया जाने लगा। किसानों का आरोप है कि रिकार्ड गुम होने से कार्य प्रभावित हो रहा है लेकिन अधिकारी अनजान हैं। तत्कालीन तहसील अधिकारियों ने क्षेत्र के गायब उन्चास गांव के नक्से की मांग के लिए राजस्व परिषद को पत्र लिखा है। जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने 19 जनवरी को तहसील कार्यालय का सघन निरीक्षण किया था किन्तु बंदोबस्त गायब होने की भनक तक नही लगी।न किसी अधिकारी कर्मचारी से पूछताछ व कार्यवायी की गयी।
डढ़िया भावा गांव की लेखपाल सोनी ने बताया कि चकबन्दी के बाद से ही बंदोबस्त तहसील के रिकार्ड रूम में नही है।चर्चा है कि कई गांवो के रिकार्ड न होने पर ऐसी स्थिति में तहसील कर्मियों की मिलीभगत से भूमाफिया रिकार्ड में हेराफेरी कर जमीन की नवैयत बदलवा सकते हैं।फर्जी इंद्राज कर दूसरों का कीमती भूखंड उपनिबंधक कार्यालय में विक्रय करने का गोरखधंधा मड़िहान तहसील में धड़ल्ले से फलफूल रहा है। आधुनिकीकरण के चलते सभी भूमि सम्बन्धी रिकॉर्ड आनलाइन कर दिये गये हैं। अब किसान खतौनी के साथ नक्सा भी नेट पर प्राप्त कर सकता है। मड़िहान तहसील के राजापुर, सिरसी, गढ़वा, दारानगर, पड़रिया, विशुनपुर, पटेहरा खुर्द, ददरा, लेदुकी, लालपुर, पनिगवा, राहकला, राजगढ़, बनवारीपुर, मलुआ, भरकों, भवानीपुर, डढ़ियां, सरसवां, गोढ़ा, गोहिया, देवरी उत्तर, हिनौती राजा, अंधिया, अतरौरा समेत उन्चास गांव का नक्सा गायब है। बताते चलें कि रिकार्ड गायब होने से किसानों का सीमांकन कार्य अवरुद्ध है।नाली, चकरोड, चारागाह, तालाब आदि पर हो रहे मनमाने अतिक्रमण को तहसील रोकने में अक्षम सावित हो रहा है। ग्रामीण जमीन बिबाद की पेंच में उलझे हैं।के गांव के किसानों को सिचाई के लिए नाली व खेत तक आने जाने के लिए चकमार्ग भी नही है। भूमाफियाओं में सार्वजनिक जमीन कब्जाने की होड़ लगी है। इस सम्बंध में तहसीलदार कर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि अभी हम नये हैं,  कोई जानकारी नही है।

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