धर्म संस्कृति

बेचूबीर मेले के आखिरी दिन पांच लाख श्रद्धालुओं ने चौरी पर टेका माथा

0 विज्ञान को चुनोती देता ऐतिहासिक बैचूबीर का मेला
0 चार सौ वर्षों से लग रहा है मेला
अहरौरा, मिर्जापुर। थाना क्षेत्र के पश्चिम दक्षिण छोर स्थित लगभग 8 किलोमीटर दूर ग्राम सभा बरही में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भूत प्रेत बाधाओं से मुक्ति एवं पुत्र रत्न प्राप्ति हेतु लगने वाले प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक बेचू बीर का मेला आज विज्ञान को चुनौती देता नजर आ रहा है। क्योंकि इसमें जो भी व्यक्ति चाहे भूत प्रेत बाधा से ग्रसित हो या मानसिक रूप से विछिप्त हो या जिनको बांझपन की शिकायत हो यहां पर ऐसी मान्यता है कि बाबा बेचू बीर के चौरी पर माथा टेकने से उसकी सारी बाधाएं दूर होती है। और लगातार तीन वर्ष तक आने पर पुत्र रत्न की प्राप्ति और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। जो बिना दवा दारू के ही श्रद्धालुओं को लाभ मिलता है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह मेला विज्ञान को चुनौती देता नजर आ रहा है। बांझपन को दूर करने के लिए विज्ञान ने नई तकनीकी टेस्ट ट्यूब बेबी की खोज की है लेकिन बेचू बीर बाबा का चौरी एक जीवंत उदाहरण है कि यहां बिना टेस्ट ट्यूब बेबी के ही बांझपन को दूर किया जाता रहा है।
मेला के आखिरी दिन, मनरी बजने के बाद, लगभग सात से आठ लाख श्रद्धालुओं ने बेचू बीर चौरी पर माथा टेका। मेला के दूसरे दिन इतनी भीड़ थी कि मेला परिक्षेत्र में हैंडपंपों पर लंबी-लंबी कतारें देखी गई श्रद्धालुओं को पीने के पानी के लिए काफी संख्या में असुविधा देखी गई वही संख्या इतनी काफी की थी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पड़ने वाले इस मेले में खुले आसमान के नीचे श्रद्धालुओं ने अपना आशियाना बना कर रात गुजारने के लिए विवश रहे। मेला परिक्षेत्र में प्रशासन ने कैंप लगाकर गुमशुदगी एवं सुविधा हेतु अनाउंस लगातार करते रहे ,वही दुकानदारों ने भी मनमाने रेट से सामानों की बिक्री करते नजर आए।
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