ज्ञान-विज्ञान

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर आयोजित की गईं ऑनलाइन कार्यशाला; मुख्य थीम स्कूल टू स्टार्टअप इग्नाइटिंग यंग माइंड तो इनोवेट रहा

मिर्जापुर।  

विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित जिला विज्ञान क्लब मिर्ज़ापुर द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला में विषय विशेषग्यो द्वारा विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी क्या है, प्रौद्योगिकी का मानव जीवन पर प्रभाव, प्रौद्योगिकी दिवस मनाने का कारण, देश मे प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों पर बाल वैज्ञानिको को जानकारी दी गयी, जिसमे 134 बाल वैज्ञानिको ने ऑन लाइन प्रतिभगिता की।

जिला विज्ञान क्लब समन्यवक एवम प्रवक्ता भौतिक विज्ञान सुशील कुमार पांडेय ने बाल वैज्ञानिको को विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी के बारे में बताया कि विज्ञान प्राकृतिक दुनिया का वैज्ञानिक पद्धति से अध्ययन है, अर्थात एक व्यवस्थित प्रक्रिया के माध्यमो से डेटा एकत्र करना।प्रौद्योगिकी वह जगह है जहाँ हम विज्ञान को ऐसे उपकरण बनाने के लिए लागू करते है, जो समस्याओं को हल कर सकते है। प्रौद्योगिकी वस्तुतः विज्ञान का अनुप्रयोग है।विज्ञान के विकास से प्रौद्योगिकी का विकास होता है क्योंकि बहुत सारी प्रौद्योगिकियां वैज्ञानिक सिद्धान्तों पर आधारित होती है।

11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने के पीछे कारण है कि इसी दिन 1998 में भारत ने अपना सबसे सफल परमाणु परीक्षण किया।यह परमाणु परीक्षण पोखरण राजस्थान में किया गया। इस परमाणु परीक्षण का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति एवम महान वैज्ञानिक डॉक्टर ऐ पी जे अब्दुल कलाम ने किया था।

इस दिवस को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बङी उपलव्धि प्राप्त होने के उपलक्ष्य में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इसी दिन घरेलू स्तर पर तैयार एयर क्राफ्ट हंस -3 ने भी उड़ान भरी थी साथ ही इसी दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया।यह दिन विज्ञान को वैश्विक तौर पर बढ़ावा देने का दिन होता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्र विज्ञानमें रुचि रखे और देश का नाम रोशन करे।इस वर्ष की थीम स्कूल टू स्टार्टअप इग्नाइटिंग यंग माइंडस टू इन्नोवेशन है।

विशेषज्ञ एवम पूर्व प्रवक्ता जी सी तिवारी ने प्रौद्योगिकी को परिभषित करते हुए कहाकि प्रौद्योगिकी व्यवहारिक और औद्योगिक कलाओं और प्रयुक्त विज्ञानों से सम्बंधित अध्ययन का विज्ञान समूह है। 330 ईसा पूर्व अरस्तू ने ग्रीक शब्द टेक्नोलॉजी गढ़ा और वैज्ञानिक ज्ञान को तीन भागों में विभाजित किया।

सैद्धान्तिक विज्ञान, व्यवहारिक विज्ञान और उत्पादक विज्ञान (प्रौद्योगिकी) प्रोफेसर टी एन सिंह ने कहा कि किसी भी देश के विकास की पहचान उसके वैज्ञानिक रूप से  ही होती है।कोई देश कितना आगे बढ़ा है कितनी तरक्की की है यह बात उसके विज्ञान से पता चलता है। विज्ञान के कारण ही प्रौद्योकीय करण सम्भव हो पाया है। हमे विज्ञान के महत्व को सभी को बताना जरूरी है तथा स्कूली स्तर पर प्रयोग के माध्यम से विज्ञान के सिद्धांतों को समझाया जाय तभी विज्ञान में अभिरुचि बढा कर नए नए स्टार्टअप शुरू किया जा सकता है।

आज भारत के 75 से अधिक यूनिकॉर्न है। 50 हजार से अधिक स्टार्टअप है। इस प्रकार भारत सबसे तीसरा बड़ा स्टार्टअप हब बनकर उभरा है।पिछले सालों में देश मे स्टार्टअप इंडिया स्टैंड अप इंडिया जैसे प्रोग्राम शुरू किए गए। अटल इनोवेशन मिशन और पी एम रिसर्च फेलोशिपके जरिये देश के युवाओं के लिए नए रास्ते बनाये जा रहे हैं।जमीनी स्तर पर छोटे बच्चों के लिए इन्सपायर अवार्ड,रास्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, नवप्रवर्तन जागरूकता जैसे कार्यक्रम चलाकर वैज्ञानिक क्षमता बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।

विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉक्टर यस पी सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी हमारी कल्पना से भी अधिक तेजी से बदल रही है। इस लिए हमारे शोध करता वैज्ञानिक एवम विशेषग्यो के लिए जरूरी हैकि प्रौद्योगिकी को सरल बनाये। एक डिजिटल प्लेटफार्म कोविनकोरोना के समय जिसने हमारी लड़ाई को सरल बनाया। इसी तरह आरोग्य सेतु एप्प कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक प्रभावी हथियार के रूप में काम किया।कीटनाशक एवम पोषक तत्वों के प्रयोग में ड्रोन तकनीकी का उपयोग होता है।

Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!