धर्म संस्कृति

गुरूनानक देव जी के प्रकाश पर्व पर नगर मे निकली अलौकिक झांकी

 
0 पंच प्यारे और जगह जगह दिखा करतब आकर्षण का केंद्र रहा
0 आध्यात्मिक ज्ञान एवं लोक कल्याण के चिंतन में बचपन से ही डूबे रहते थे गुरूनानक देव जी: गुरमिंदर 
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ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।

 
नगर के रतनगंज स्थित गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा के तत्वावधान में शिख धर्म के संस्थापक गुरूनानक देव जी का गुरू प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान सिख व अन्य धर्म के लोगों और छात्र छात्राओ ने शोभायात्रा निकाली और उनके पदचिन्हो पर चलते हुए मानव कल्याण का संदेश दिया। 
            गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा के पूर्व अध्यक्ष सरदार गुरमिंदर सिंह सरना उर्फ बल्लू सरदार ने गुरूनानक देव जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की पावन धरती पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 को लाहौर से करीब 40 मील दूर स्थित तलवंडी नामक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम कल्याणराय मेहता तथा माता का नाम तृपताजी था। बताया कि उनके मस्तक के पास तेज आभा फैली हुई थी। पुरोहित पंडित हरदयाल ने जब उनके दर्शन किए उसी क्षण भविष्यवाणी कर दी थी कि यह बालक ईश्वर ज्योति का साक्षात अलौकिक स्वरूप है। बचपन से ही गुरु नानक का मन आध्यात्मिक ज्ञान एवं लोक कल्याण के चिंतन में डूबा रहता। बैठे-बैठे ध्यान मग्न हो जाते और कभी तो यह अवस्था समाधि तक भी पहुंच जाती।

 अध्यक्ष श्री गुरू सिंह सभा जसवीर सिंह मोगा ने कहाकि गुरुनानक देवजी का जीवन एवं धर्म दर्शन युगांतकारी लोकचिंतन दर्शन था। उन्होंने सांसारिक यथार्थ से नाता नहीं तोड़ा। वे संसार के त्याग संन्यास लेने के खिलाफ थे, क्योंकि वे सहज योग के हामी थे। उनका मत था कि मनुष्य संन्यास लेकर स्वयं का अथवा लोक कल्याण नहीं कर सकता, जितना कि स्वाभाविक एवं सहज जीवन में। इसलिए उन्होंने गृहस्थ त्याग गुफाओं, जंगलों में बैठने से प्रभु प्राप्ति नहीं अपितु गृहस्थ में रहकर मानव सेवा करना श्रेष्ठ धर्म बताया। ‘नाम जपना, किरत करना, वंड छकना’ सफल गृहस्थ जीवन का मंत्र दिया। उन्होंने कहाकि यही गुरु मंत्र सिख धर्म की मुख्य आधारशिला है। यानी अंतर आत्मा से ईश्वर का नाम जपो, ईमानदारी एवं परिश्रम से कर्म करो तथा अर्जित धन से असहाय, दुखी पीड़ित, जरूरतमंद इंसानों की सेवा करो।

     जुलूस नगर के रतनगंज स्थित गुरूद्वारा से निकलकर तेलियागंज, बेहतर, गिरधर चौराहा, वासलीगंज, घंटाघर, त्रिमोहानी, नारायण,  लालडिग्गी मुकेरी बाजार  होते हुए   गुरूद्वारा पर पहुंचकर संपन्न हुई। गुरूनानक  इंटर कालेज और गुरूनानक गर्ल्स इण्टर कालेज की छात्रा छात्राए और अपने हाथ मे  ‘सतिगुरु नानक प्रगटिआ मिटी धुंधू जगि चानणु होआ’ और ‘सुनी पुकार दातार प्रभु गुरु नानक जग महि पठाइया’ आदि तखतिया लेकर करतब दिखाते हुए चल रहे थे। आदि अमृत वाणी लिखी तखतिया लेकर करतब दिखाते हुए चल रहे थे तो वही रथ के आगे आगे पंच प्यारे लोगो के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केन्द्र बने रहे। साथ चल रही महिलाए भी कीर्तन करते हुए शोभायात्रा मे आगे बढ़ाने रही थी। 
         नगर के रतनगंज स्थित गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा के सरदार गुरमिंदर सिंह सरना उर्फ बल्लू सरदार व सुरजीत सिंह मोगा के नेतृत्व में किर्तन व गुरू दर्शन के बाद धार्मिक कार्यक्रम किये गये तत्पश्चात शोभायात्रा निकाली गई। इस अवसर पर  जसवीर सिंह मोंगा, प्रभप्रीत सिंह, दीपक सिंह, अवनीत सिंह, अमरिक सिंह, करमजीत सिंह दलजीत सिंह राजू, महेन्द्र सिंह, हिमा सिंह, गुरूदीप सिंह, जसवन्त सिंह, रघुवीर सिंह, आदि ने सम्पूर्ण संगत व एक दूसरे को गुरूनानक जी के  प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई भी दी। इस दौरान सुरक्षा मे पुलिस बल भी मौजूद रही। 

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