खेत-खलियान और किसान

अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में ‘पान की खेती’ को “कृषि” का दर्जा देने का मुद्दा उठाया

‘पान की खेती’ को “कृषि” का दर्जा मिलने से खेती करने वाले चौरसिया समाज को सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ: अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अपना दल (एस)

नई दिल्ली/मिर्ज़ापुर।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को लोकसभा में पान की खेती को “कृषि का दर्जा” देने का मुद्दा उठाया। श्रीमती पटेल ने कहा कि देश के 11 राज्य प.बंगाल, असम, कर्नाटक, तमिलनाडु, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, बिहार केरल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में चौरसिया समाज के 20 लाख लोग पान की खेती के कार्य में लगे हुए हैं। लेकिन पान की खेती को “कृषि” का दर्जा न मिलने की वजह से इन्हें बीमा संबंधित सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।

श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि देश में हर साल 6 लाख टन पान का उत्पादन होता है। हर साल भारत से 29 देशों को पान का निर्यात होता है। लेकिन फिलहाल पान की खेती बागवानी के अंतर्गत आती है, उसे “कृषि” का दर्जा न मिलने की वजह से बारिश, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदा के दौरान पान की खेती करने वाले किसानों को बीमा लाभ नहीं मिल पाता है। चौरसिया समाज पिछले काफी समय से पान की खेती को कृषि का दर्जा देने की मांग कर रहा है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि पान को कृषि का दर्जा न मिलने की वजह से किसानों को बीमा, सब्सिडी और मुआवजे का लाभ नहीं मिलता है। उन्हें सस्ती बिजली नहीं मिलती है। बैंक द्वारा कम ब्याज पर ऋृण नहीं दिया जाता है। खाद्य एवं कीटनाशक दवाएं सरकारी मूल्य पर नहीं मिलती हैं। अत: मेरा अनुरोध है कि सामान्य खेती की तरह पान की खेती को भी “कृषि” का दर्जा दिया जाए।

 

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