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दो सौ साल पुराने घंटाघर के ऐतिहासिक इमारत को म्यूजियम बनाने की कवायद शुरू

० चेयरमैन मनोज जायसवाल ने पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्य मंत्री भारत सरकार को भेजा प्रस्ताव
० आदमकद आटोमैटिक घड़ी और ऐतिहासिक मनोहारी एवं कठिन कलाकृति से सुसज्जित है इमारत
डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर। 
 नगर पालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने प्रहलाद सिंह पटेल पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार को पत्र भेजकर नगर के ऐतिहासिक घंटाघर को म्यूजियम बनवाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। 
पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार को भेजे गए पत्र में चेयरमैन श्री जायसवाल ने कहा है कि जनपद मिर्जापुर एक प्राचीन और इतिहास नगरी है, जिसके अंतर्गत घंटाघर मोहल्ले में ऐतिहासिक मनोहारी एवं कठिन कलाकृति से सुसज्जित शहर की एक विशाल इमारत स्थित है। घंटाघर का निर्माण लगभग 200 वर्ष पूर्व हुआ है। इसकी बनावट और पत्थरों की नक्काशी को देखने देश के दूर दूर से लोग आते हैं। किंतु अभी इसका व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं हो पाने के कारण पर्यटनिक विकास और पर्यटकों तक पहुंच नहीं बन पाायी है।
अवगत कराया है कि ऐतिहासिक घंटाघर के इमारत में आदमकद घड़ी भी लगी हुई है, जो बिना बैटरी के चल सकती है। जिसके घंटे की ध्वनि स्कूल से चार-पांच किलोमीटर दूर तक एक समान और मीठी रूप से सुनाई पड़ती है। इस तरह की टेक्नोलॉजी आज के समय में असंभव है। बताया है कि यह इमारत इस समय नगर पालिका परिषद मिर्जापुर की अभिरक्षा में है। यदि इस इमारत को आपके मंत्रालय द्वारा ले लिया जाता है तो ऐतिहासिक इमारत का विकास अच्छे ढंग से संभव हो सकेगा और मिर्जापुर को पर्यटन की दृष्टि से भी एक अलग पहचान म्यूजियम के रूप में मिल सकेगा।
       पत्र के माध्यम से मांग किया है कि ऐसे ऐतिहासिक इमारत को मंत्रालय द्वारा अपने अधीन लेकर विकास कराए कार्य कराया जाना नितांत आवश्यक है इससे मिर्जापुर के लोगों को रोजी रोजगार के साधन भी मुहैया हो सकेंगे, क्योंकि घंटाघर की ऐतिहासिक इमारत के म्यूजियम बन जाने से देश विदेश से बड़े लोगों का आना जाना शुरू हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी का दरबार विंध्याचल में होने के नाते वैसे भी देश के कोने-कोने से वर्ष भर लोगों के आने-जाने का सिलसिला लगा रहता है। वर्ष में दो बार शारदीय और वासंतीक नवरात्र मेले में लाखों भक्त यहां आते हैं और अब तो त्रिकोण क्षेत्र में रोपवे निर्माण के बाद लोगों को बरवश ही विंध्य क्षेत्र के प्रति आकर्षण पैदा करेगा। ऐसे में म्यूजियम के रूप में स्थापित होने के बाद घंटाघर के ऐतिहासिक इमारत को देखने के लिए भी पर्यटकों की भीड़ शहर क्षेत्र में नजर आएगी, जिसका प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से शहर के लोगों को व्यावसायिक लाभ भी प्राप्त हो सकेगा।
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