पडताल

निरीक्षण का उद्देश्य मात्र कमियां निकालना नहीं, अपितु कार्य में सुधार लाना: कमिश्नर मुरली मनोहर लाल

0 मण्डलायुक्त ने किया कलेक्ट्रेट कार्यालय का निरीक्षण

विन्ध्य न्यूज ब्यूरो, मिर्जापुर।

आयुक्त, विन्ध्याचल मण्डल मुरली मनोहर लाल आज लगभग 11 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय मीरजापुर पहुॅच कर कार्यालय के सभी विभागों का भ्रमण कर निरीक्षण किया तथा कलेक्ट्रेट कें विभिन्न अभिलेखों/मदों का बिन्दुवार निरीक्षण किया। इस अवसर पर आयुक्त ने कहा कि यह वार्षिक निरीक्षण है जिसका उद्देश्य मात्र कमियां निकालना नहीं है अपितु कार्यालय के कर्मियों के कार्या में सुधार लालना तथा अभिलेखों के रख-रखाव को सही करना है।

अपने निरीक्षण के दौरान आयुक्त सबसे पहले अपर जिलाधिकारी कोर्ट का निरीक्षण किया, जिसमें उपस्थित पेशकार व अन्य कर्मचारियों से पत्रावलियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। तुदपरान्त कलेक्ट््रेट के मुख्य कार्यालय में जाकर पटलवार कर्मचारियों से उनके द्वारा किये जा रहे कार्यो के बारे में जानकारी प्रापत की तथा आलमारियों से अलग-अलग पत्रावलियों को निकाल कर देखा गया।

 

निरीक्षण के दौरान विद्युत देय की प्राप्त आर0 सी0 के सापेक्ष वसूली को रजिस्टर में फीडिंग न होने पर नाराजगी व्यक्त की जब कि वसूली की प्रगति अच्छी पायी गयी, जिस पर सम्बंधित लिपिक को पोस्टिंग करने की हिदायत दी। इसी प्रकार कुछ कर्म्रचारियों व अधिकारियों की सर्विस बुक व जी0पी0एफ0 पासबुक के निरीक्षण के दौरा कुछ जी0पी0एफ0 पर नवम्बर व दिसम्बर की एंट्री न होने कहाकि नियमानुसार वर्ष में प्रत्येक छ‘ माह पर ऐसे अभिलेखों का निरीक्षण करने का प्राविधान है अतएव ओ0सी0 नजारत व अपर जिलाधिकारी निरीक्षण का अभिलेखों को सही करायें। निरीक्षण के दौरान मिसिल बन्द, नगर पालिका से सम्बंधित पत्रावली, धारा-144 की पत्रावली, विभिन्न क्षेत्रों के नक्शा तथा नकल बनाना, बन्दोबस्त रतिस्टर, सीलिंग से सम्बंधित पत्रावली, राजस्व व संग्रह अभिलेखागार, पुराने अभिलेखा आदि का निरीक्षण किया गया तथा बीच-बीच में से कुछ अभिलेखों को निकालकर निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान रिकार्ड रूम में रखे गये अभिलेखों व कक्ष के साफ-सफाई पर सन्तोष व्यक्त किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहाकि धारा-144 लागू होने की सूचना समय-समय पर समाचार पत्रों में प्रकाशित करायी जाये, जिस अपर जिलाधिकारी ने बताया कि समाचारों में प्रकाशित कराया जा चुका है, जिसकी कटिंग पत्रावली में चश्पा की गयी है।
भ्रमण निरीक्षण के बाद आयुक्त द्वारा जिलाधिकारी कक्ष में बैठक् कर पत्रावलियों को मंगवाकर देखा गया। जिसमें वादों के निस्तारण में नायाब तहसीलदारों के पास अधिक मुकदमा होने पर कहा कि निस्तारण कराने के लिये जिलााकारी द्वारा निर्देश जारी किया जाये। विभिन्न न्यायालयों में पॉच वर्ष से अधिक 12 वाद पाये गये जिसके निस्तारस के निर्देश दिये गये।

निरीक्षण के दौरान धारा-33-34, राज्य संहिता, लम्बित सन्दभों का निस्तारण, आई0जी0आर0एस पोर्टल पर प्राप्त सर्न्दर्भ, सम्पूर्ण समाधान दिवस, जारी किये जाने वाले चरित्र प्रमाण पत्र, आदि के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि विभिन्न नौकरियों में आये लोगों के चरित्र प्रमाण पत्र की जांच के लिये पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा गया है परन्तु रिमाइंडर के बाद भी वर्ष 2016 की एक जॉंच व उसके बाद के जॉच के भी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुये हैं, जिस पर आयुक्त ने पुलिस अधीक्षक से दूरभाष पर वार्ता कर विभिन्न थानों से रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने आनलाइन भरे जाने वाले आय-जाति, व अन्य प्रमाण पत्र के सम्बन्ध सम्बंधित लिपिकों के काउन्टर के उपर लिखवाया जाये कि इससे सम्बंधित आनलाइन आवेदन किया जाये तथा किस वेवसाइड पर भरा जाना है लिखवाया जाये। लारी लाइसेंस, भूमि अध्याप्ति प्रकरण, आडिट आदि निरीक्षण किया गया जिसमें एक-एक आडिड आपत्ति के प्रकरण चारो तहसील में लम्बित है तत्काल निस्ताण के निर्देश दिये गये।
इस अवसर पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजित राम प्रजापति, मुख्य राजस्व अधिकारी एम0ए0 अन्सारी, डिप्टी कलेक्टर छत्रपाल सिंह, अनिल कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

 

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