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भारत मे नही दिखाई देगा 20 अप्रैल को दिखने वाला वर्ष 2023 का पहला सूर्यग्रहण; इस बार का सूर्य ग्रहण हाइब्रिड (संकर) होगा

मिर्जापुर।

20 अप्रैल वृहस्पतिवार को इस साल का पहला सूर्यग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भारत मे नही दिखाई देगा।इस बार का सूर्यग्रहण बेहद अदभुत होगा।इसमे एक ही दिन तीन तरह के सूर्य ग्रहण दिखेंगे। इसे निगंलु या संकर (हाइब्रिड) सूर्य ग्रहण कहते है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के नाम की उत्पत्ति निंगालु आस्ट्रेलियाई तट रेखा निंगालु के नाम से प्रेरित है। इसकी दृश्यता के कारण ये नाम दिया गया।

हाइब्रिड सूर्यग्रहण आंशिक, पूर्ण, एवम कुंडलाकार सूर्य ग्रहण का मिश्रण है। यह ग्रहण सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शुरू होगा और 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगा ।इस शदी में कुल 224 सूर्य ग्रहण होंगे। इनमें सात सूर्यग्रहण ही हाइब्रिड होंगे। अगले हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 15 मार्च 2031, 25 नवम्बर 2049,21 मई 2050 , 6 दिसम्बर 2067 में होंगे।

इस ग्रहण को पश्चिम आस्टेलिया के साथ दक्षिणी गोलार्ध, दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर, अन्टार्कटिका और हिन्द महासागर के क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। भौतिक विज्ञान प्रवक्ता एवम समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि यह ग्रहण क्षेत्र विशेष में पूर्ण या खगास सूर्य ग्रहण वही कुछ इलाकों में वलयाकार एवम कुछ इलाकों में आंशिक होगा।

गणितीय रूप में ग्रहण के समय सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी को चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी से भाग करने पर यदि 400 के लगभग आता है, तो हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होने की परिस्थितियां बनती है।पृथ्वी के गोलाकार होने की स्थिति के कारण चंद्रमा की दूरी के लोकेशन बदलने पर बदलती है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी का करवेचर ग्रहण के मार्ग का कुछ भाग चंद्रमा के अम्ब्रा (छाया) तक लाता है, जिससे पूर्ण ग्रहण की स्थिति बनती है, जबकि अन्य हिस्से के अम्ब्रा के पहुच के बाहर होने से वलयाकार सूर्यग्रहण की स्थिति बनती है।

इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल एवम 14 अक्टूबर 2023 को तथा दो चंद्र ग्रहण 5 मई एवम 28 अक्टूबर 2023 को होगा। वैसे इस बार का सूर्य ग्रहण भारत मे नही दिखाई देगा परन्तु खगोल शास्त्रियों के लिए अध्ययन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा।

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