ज्ञान-विज्ञान

31वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की जिला स्तरीय मार्गदर्शक शिक्षकों की लघुशोध पत्र/प्रोजेक्ट तैयार करने कार्यशाला सम्पन्न

मिर्जापुर।

राष्ट्रीय विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी संचार परिषद भारत सरकार द्वारा समर्थित राष्ट्रव्यापी गतिविधि के प्रथम सोपान में आज 3 अगस्त 2023 को राजकीय इंटर कॉलेज मिर्ज़ापुर के सभागार में मार्ग दर्शक विज्ञान शिक्षकों की दिशा निर्देशन कार्यशाला आयोजित की गई।। इस कार्यशाला का उदघाटन डॉक्टर के एन त्रिपाठी, डॉक्टर जे पी रॉय, उप प्रधानचार्य जय सिंह,डॉक्टर यस के गोयल, डॉक्टर यस एन सिंह, ने दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यशाला के प्रारम्भ में उप प्रधानचार्य जय सिंह ने कार्यशाला में आये हुए प्रतिभागी अध्यापकों, विशेषग्यो का स्वागत किया।। कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चो को वैज्ञनिक बनाना नही बल्कि उनकी वैज्ञानिक क्षमता को विकसित करना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के कोने कोने में जाकर विज्ञान प्रतिभाओं की खोज करना एवम बच्चो में वैज्ञानिक चेतना का अंकुरण कर उन्हें स्थानीय परिवेश में तार्किक वैज्ञानिक खोज की दिशा में आगे बढ़ाना है।

प्रत्येक दो वर्षों के लिए एक मुख्य विषय निर्धारित किया जाता है।इस वर्ष का मुख्य विषय स्वास्थ्य एवम कल्याण के लिए परितंत्र को समझना है। इन मुख्य विषय के पांच उप विषय है। जिनमे से किसी एक उप विषय से सम्बंधित अपनी स्थानीय समस्या पर प्रोजेक्ट तैयार करना होता है। इस कर्यक्रम में 10 वर्ष से 17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे प्रतिभाग करते है।31 दिसम्बर 2023 को जिन बच्चों की उम्र 14 वर्ष से कम होगी वे जूनियर वर्ग में एवम जिनकी 14 से अधिक लेकिन 17 वर्ष हो वे सीनियर वर्ग में प्रतिभाग करते है।इसमे दो बच्चों का ग्रुप बनाकर किसी सक्षम मार्ग दर्शक के दिशा निर्देशन में लघु शोध पत्र तैयार करते है।

जिसका मूल्यांकन स्कूल स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर पर होता है। अपने स्थानीय स्तर पर समस्या चुनने के बाद टाइटल ऑफ प्रोजेक्ट ऐसा होना चाहिए जिसमें स्थान, समस्या, लोकल एरिया,सभी सम्मलित हो। इसके बाद बच्चो को एक लाग बुक तैयार करनी होती है जिसमे वे प्रत्येक दिन प्रोजेक्ट के लिये किये गए कार्यो को इंगित करे। फिर इसके माध्यम से प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करते है।प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के बाद 4 पोस्टर इस रिपोर्ट के माध्यम से तैयार करते है। इस चार्ट के माध्यम से बच्चे अपने लघु शोध पत्र मौखिक रूप से प्रस्तुत करते है।

डॉक्टर के एन त्रिपाठी संरक्षक जिला आयोजन समिति एवम पूर्व विभागाध्यक्ष गणित ने कहा कि प्रोजेक्ट निर्माण गतिविधि में गाइड टीचर का महत्वपूर्ण योगदान है इसलिये आप सभी इस कार्यशाला के प्रत्येक विन्दुओ को समझे तभी बच्चो को समझा सकेंगे। इस जिले के बाल वैज्ञानिको ने प्रत्येक वर्ष रास्ट्रीय स्तर पर अपने लघुशोध प्रस्तुत किये है इसके लिए जनपद के गाइड टीचर बधाई कर पात्र है। एकेडमिक समन्यवयक एवम कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर जे पी रॉय ने प्रोजेक्ट फ़ाइल बनाने के सभी बीस चरणों के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया। डॉक्टर रॉय ने कहा कि पहले हमें जो समस्या चिन्हित करनी है वह अपने आस पास की हो।

प्रोजेक्ट लिखित प्रस्तुति करण में कवर पेज, फार्म ए, सारांश, विषय सूची, कार्य क्षेत्र का नजरि नक्शा, प्रस्तावना, परियोजना चुनने का कारण, परिकल्पना, उद्देश्य, कार्यविधि, अवलोकन, प्रयोग एवम सर्वेक्षण एवम आकडो का संग्रह एवम विश्लेषण परिणाम एवम निष्कर्षसमस्या का समाधान,समाज पर प्रभाव, भविष्य की योजना, आभार प्रदर्शन, सन्दर्भ, संलग्नक ये सभी पॉइंट क्रम से ए 4 साइज पेपर पर स्व लिखित या टाइप होने चाहिए। जूनियर वर्ग का 2500 शब्दो के एवम सीनियर वर्ग का 3500 शब्दो का होना चाहिए।साथ ही इस प्रोजेक्ट फ़ाइल के आधार पर चार चार्ट तैयार किये जायेंगे। जिनमे सभी पॉइंट इंगित किये जायेंगे।इसी के माध्यम से बच्चे अपना मौखिक प्रस्तुति करन करते, मौखिक प्रस्तुति के लिए 8 मिनट का समय दिया जाता हैं।

उप विषय स्वस्थ्य एवम पोषण एवम कल्याण को प्रोतसाहन तथा तकनीकी नवाचार पर स्थानीय स्तर पर सम्भावित प्रोजेक्ट पर चर्चा करते हुए विशेषज्ञ डॉक्टर यस के गोयल ने कहा कि पहले तो आप सभी को जो मिनी गाइड बुक दी गयी है उसे ध्यान से एक बार पढ़े आपको काफी बातें क्लियर हो जाएगी। डॉक्टर यस के गोयल ने मोटे अनाज जो हम पहले प्रयोग कर रहे थे डुबकी पोषकता का अध्ययन कर लघु शोध पत्र प्रस्तुत कर सकते है। विषय विशेषज्ञ डॉक्टर यस एन सिंह ने परितंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक एवम सांस्कृतिक प्रथाएं तथा आत्मनिर्भरता पर स्थानीय स्तर पर लघु शोध प्रस्तुत करने के संभावित प्रोजेक्ट पर जानकारी दी।

इस कार्य शाला में 70 विद्यालयों के 85 विज्ञान अध्यापकों ने प्रतिभगिता की। इस कार्य शाला में बृजेश यादव, आर्यन प्रसाद, अभिषेक साहू, विनायक मिश्र, सुनील सिंह, ओनम सिंह ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम के समापन सत्र में राजकीय इंटर कॉलेज के उप प्रधानाचार्य जय सिंह ने आभार प्रदर्शन किया।

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