अजब-गजब

सोच मे अभिभावक: भारी भरकम फीस और पढाने वाले शिक्षक अंट्रेण्ड

0 शिक्षा का बाजारीकरण कर सरकार की मंशा पर पानी फेरने बिसुन्दरपुर मे एक संस्था ने खोली एक और विद्यालय 
0 फोल्डर पंपलेट बटवाकर पूरे शहर मे दिखा रही अभिभावको को सुविधाओ का लॉलीपॉप
 ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
              भले ही सरकार और सरकारी अमला अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो मे निर्धारित फीस लेने का निर्देश देती रहे, पर एक बार फिर भारी भरकम फीस वसूलकर अन्ट्रेण्ड शिक्षको को रखकर काम चलाने वाले संस्था ने नगर के बिसुन्दरपुर मे अपने तीसरी शाखा खोलकर अभिभावको को आकर्षित करने के लिए लॉलीपॉप दिखाना शुरू कर दिया है। इस बात को लेकर अभिभावक अपने बच्चो के भविष्य को लेकर चिन्तित है।  इस संस्था ने शनिवार को शहर के कई प्रमुख मुहल्ले जहाज पहले से ही रेपुटेटेड स्कूल संचालित हो रहे है। उनके गेट के आसपास और सड़क पर गुजरने वाले हर शख्स को फोल्डर पंपलेट बटवाकर पूरे शहर मे अभिभावको को सुविधाओ का लॉलीपॉप दिखाना शुरू किया है।  बताया जाता है कि शहर के दो सथानो पर इस संस्था ने पहले से ही अपनी शाखा खोल रखा है। जहा की व्यवस्था और सुविधाओ से शहर के वाशिन्दे भलीभांति परिचित है। इसके बावजूद उक्त संस्था अपने बेटे गये फोल्डर पंपलेट मे अचछी शिक्षा देने के लिए गौरवान्वित महसूस करने का दावा तो कर ही रही है। अपने विद्यालय के बचचो को जो कुछ आगे बढ़ पाये है। उनके फोटो लगाकर खुद के नये विद्यालय मे प्रवेश लेने की अपील की है। लेकिन विद्यालय को यह नही पता कि सुपर स्टार की इस सूची मे ऐसा एक भी बच्चा नही निकाल सका जो किसी अच्छे और बडे सरकारी पद पर पहुच गया हो। बाजार और अन्य स्थानो पर लोग चर्चा करते नजर आये कि प्राईवेट कंपनियो मे नौकरी कोई बडी बात नही, बिद्यालय काबिले तारीफ तब माने जाते है जब वहा के बच्चे आईएएस पीसीएस आईपीएस पीपीएफ या किसी अच्छे सरकारी पद पर पहुच गये हो। और तो और विद्यालय ने अपने पंपलेट के माध्यम से आधी अधूरी बनी बिल्डिंग को लकदक दिखाया है। और तो और चर्चा इस बात की भी है कि दिल्ली के एक बोर्ड से इण्टर तक की मान्यता लेकर विद्यालय संचालित करने वाले इस संस्था को पूर्व से संचालित एक विद्यालय और वर्तमान मे नये विद्यालय को अभी तक कही से मान्यता भी नही है। इसके बाद भी बिना मान्यता के ही उक्त विद्यालय के संचालन खुद को गौरवान्वित महसूस कराने का प्रयास कर रही है। सूत्र बताते है कि दिल्ली की  उक्त बोर्ड से इनके पास केवल एक विद्यालय संचालित करने के लिए ही मान्यता है अन्य शाखा का संचालन मनमाने ढंग से मनमाना फीसदी वसूल कर अभिभावको की जेब ढीली करने के लिए खोली जा रही है। बहरहाल यह तो जाच का विषय है। पर इतना जरूर है कि पारस्परिक शिक्षण पद्धति और टीचिंग टूल्स अपनाने का दावा करने वाली यह विद्यालय अपने यहा अंट्रेण्ड शिक्षक रखे हुए है। अब देखते है कि उक्त विद्यालय अपने इनके अंट्रेण्ड शिक्षको के जरिये बचचो को कैसी आधुनिक तरकीब वाली शिक्षा दे पाती है।
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