स्वास्थ्य

वर्ष 2025 तक टीबी रोग के समूल उन्मूलन के लिए पूरी तैयारी से लगा टीबी विभाग, जगह जगह जागरूकता कार्यक्रम

डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर। 
प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा देश से वर्ष 2025 तक टीबी जैसे जानलेवा बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए लिए गये संकल्प को साकार करने में टीबी विभाग द्वारा निरंतर जनपद के भिन्न भिन्न स्थानों पर बैठक, गोष्ठी, नुक्कड़ सभा आदि का आयोजन करते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है।
      सोमवार 28 सितम्बर 2020 को ज़िला क्षय रोग अधिकारी डाॅक्टर एल एस मिश्रा ने बताया कि वर्तमान समय में विभाग का यह प्रयास है कि जनपद में कोई भी टीबी रोगी निःशुल्क प्रदान की जाने वाली इलाज सुविधा से वंचित न रह पाए, इसी उद्देश्य से जनपद मे टीबी मरीजों को खोजने से लेकर उनके जांच इलाज की सुविधा देने के साथ साथ अन्य कई सुविधाएं, पब्लिक व प्राइवेट सेक्टरों में उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है, साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में मेरे विभाग द्वारा प्राइवेट व सरकारी इलाज ले रहे हर टीबी मरीज को रुपया पांच सौ प्रतिमाह की दर से पूरे इलाज तब उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से दिया जा रहा है। साथ ही जनपद में टीबी मरीजों का इलाज के दौरान एचआईवी, शुगर एवं कोरोना का भी जांच नि: शुल्क कराने का कार्य क्षय विभाग द्वारा किया जा रहा है।
डाॅक्टर मिश्रा ने बताया कि टीबी के सामान्य रोगी को सरकारी दवा खिलाने वाली ट्रीटमेंट सपोर्टर, (आशा) को कोर्स पूरा करा लेने के पश्चात 1000 रुपया प्रति मरीज, व एमडीआर/ एसडीआर, की दवा पूर्ण कराने के उपरांत 5000 रूपया दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टीबी विभाग द्वारा अब जनपद के पंजीकृत प्राइवेट चिकित्सकों को भी अपने यहाँ आए टीबी रोगी की सूचना उचित माध्यम से देने पर 500 रूपया देने के साथ ही साथ मरीज के इलाज पूर्ण कराने की सूचना देने पर भी विभाग द्वारा 500 रुपये उनके खाते में पुनः डीबीटी के माध्यम से  देने का कार्य क्षय विभाग के डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव के सराहनीय प्रयास से किया जाना  प्रारंभ हो चुका है।
   डाॅक्टर मिश्र द्वारा बताया गया कि जनपद मे क्षय विभाग द्वारा हर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से इलाज ले रहे टीबी मरीजों का इलाज के दौरान दो बार फॉलोअप जाँच कराया जाता है, जिससे यह पता किया जा सके कि मरीज पर दवा का क्या प्रभाव पड़ रहा है।‌ फॉलोवर जांच की यह सुविधा अब प्राइवेट सेक्टरों को भी देना प्रारंभ कर दिया गया है, जिसकी शुरुआत जनपद में सर्वप्रथम चुनार टीयू से की जा चुकी है।
अंत में जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा बताया गया कि अब क्षय विभाग द्वारा एसएआरआई एवं आईएलआई के रोगी जो कोविड -19 की जांच में निगेटिव पाए गए हैं, उनका भी चेस्ट एक्सरे व सीबी नाट जांच कराकर क्षय रोगी होने की जानकारी प्राप्त करने का कार्य क्षय विभाग द्वारा। किया जा रहा है।
इसी क्रम में टीबी रोग के प्रति जनमानस को जागरूक करने के दौरान आज दिनांक 28 सितम्बर को क्षय विभाग के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर सतीश शंकर यादव द्वारा चुनार क्षेत्र के जमुंई गांव में अपनी विभागीय टीम के साथ उपस्थित गांववासियों के बीच टीबी रोग के लक्षण व सरकारी स्तर से प्रदान की जाने वाली निःशुल्क जांच एवं इलाज की सुविधाओं के विषय में विस्तार से बताते हुए लोगों से आग्रह किये कि, आप सभी, मात्र दस दस लोगों के बीच मेरी बताई गई बातों की जानकारी देकर टीबी रोग को समाप्त  करने में मदद करते हुए स्वयं व दूसरे को भी स्वस्थ्य बनाए रखने के इस अभियान में अपना सराहनीय सहयोग प्रदान करें। जागरुकता के इस अभियान में चुनार सीएचसी के एसटीएस इफ्तिखार अहमद मौजूद रहते हुए सराहनीय सहयोग प्रदान किए।
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